कोलकाता हाईकोर्ट के जज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया वारंट
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करते हुए उन्हें कामकाज से अलग किए जाने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस सी. कर्णन के खिलाफ वारंट जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान में लिया था और इसकी सुनवाई के लिए अलग से बेंच का गठन भी किया था। जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी दरकिनार कर दिया और कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए।
10
मार्च
तक
देना
था
जवाब
बेंच
अब
इस
बात
पर
चर्चा
कर
रही
है
कि
आखिर
मामले
को
कैसे
सुलझाया
जाए।
कोर्ट
ने
जस्टिस
कर्णन
को
नोटिस
का
जवाब
देने
के
लिए
10
मार्च
तक
का
समय
दिया
था,
लेकिन
उन्होंने
ऐसा
नहीं
किया।
जस्टिस
कर्णन
ने
खुद
को
दलित
बताते
हुए
ज्यादती
किए
जाने
का
आरोप
लगाया
है।
उन्होंने
सुप्रीम
कोर्ट
के
कोलेजियम
सिस्टम
पर
भी
सवाल
उठाया
था
जिसके
तहत
उन्हें
मद्रास
हाईकोर्ट
से
कोलकाता
ट्रांसफर
किया
गया
था।
READ
ALSO:
मद्रास
हाई
कोर्ट
के
जज
ने
कहा
कोलोजियम
में
होता
जाति
का
भेदभाव
जज
पर
लगाया
रेप
का
आरोप
मद्रास
हाईकोर्ट
की
ओर
से
पेश
हुए
सीनियर
काउंसेल
केके
वेनुगोपाल
ने
बेंच
को
बताया
कि
जजों
को
जस्टिस
कर्णन
की
ओर
से
मिल
रही
मौखिक
धमकियों
और
अपशब्दों
की
वजह
से
सुरक्षा
दिए
जाने
की
जरूरत
है।
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
जस्टिस
कर्णन
ने
मद्रास
हाईकोर्ट
के
जज
पर
रेप
का
आरोप
लगाया
है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करते हुए उन्हें कामकाज से अलग किए जाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि जस्टिस कर्णन सभी न्यायिक कामों से दूर रहेंगे और सभी फाइलें वापस लौटा दें।