पिता के परमिशन के बिना बच्चे की गार्जियन बन सकती हैं बिनब्याही मां: SC
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। बिनब्याही मां के बच्चे की गार्जियनशिप पर देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने बेहद अहम फैसला लिया है। कोर्ट ने कहा कि बिनब्याही मां को बच्चे की गार्जियनशिप लेने के लिए पिता की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने इस सिलसिले में एक अदालत के पूर्ववर्ती फैसले को निरस्त करते हुए उसे अविवाहित मां की उस याचिका पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है, जिसमें उन्होंने बच्चे के पिता को नोटिस भेजे बगैर उसका संरक्षण लेने की इच्छा जताई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय सहित निचली अदालतों ने अपने समक्ष मौजूद मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया और यह सोचे बगैर फैसला किया कि बच्चे के हित में क्या है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश एक महिला की याचिका पर आया, जो सरकारी सेवा में राजपत्रित अधिकारी है।
उन्होंने एक अविवाहित मां द्वारा बच्चे के एकल संरक्षण की मांग करने वाली याचिका पर पिता की पहचान का खुलासा करने और उन्हें नोटिस भेजे जाने की आवश्यक प्रक्रिया को चुनौती दी थी। मां ने अपनी याचिका में दलील दी है कि व्यक्ति उसके साथ मुश्किल से दो माह रहा था और उसे बच्चे के होने के बारे में पता तक नहीं है।