कई राज्य में अब तक नहीं बने अल्पसंख्यक आयोग
नई दिल्ली(ब्यूरो) अब भी कई राज्यों ने अपने यहां अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना नहीं की है। इनमें अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, सिक्किम और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुदुचेरी शामिल हैं। अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने गुरुवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
काम करते आयोग
उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, झारखण्ड , कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में मिनोरीटी कमीशन काम कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर नहीं
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम का विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य तक नहीं है। त्रिपुरा ने 26 नवम्बर, 2008 को इस सम्बन्ध में एक विधेयक पारित किया है, जिसपर राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलनी बाकि है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में अल्पसंख्यक आयोगों की स्थापना करना राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की जिम्मेदारी है। इसलिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है।
इस बीच,जहाँ तक केंद्र सरकार का सरोकार है, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग हिन्दुओं को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में घोषित नहीं किया गया है। राज्य सरकारों द्वारा अल्पसंख्यक आयोगों की स्थापना करना राज्य का एक विषय है।