श्रीनगर की 17 वर्षीय इकरा ने क्यों कहा अब नहीं करेंगी पत्थरबाजी
श्रीनगर की 17 वर्ष की इकरा पिछले हफ्ते हुए विरोध प्रदर्शन में बुरी तरह से घायल हो गई थी। पत्थरबाजी की वजह से इकरा की आंख में आई है गंभीर चोट। इकरा ने कहा अब नहीं बनेंगी प्रदर्शनों का हिस्सा।
श्रीनगर। पिछले बुधवार को कश्मीर के श्रीनगर और पुलवामा में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और जमकर पत्थरबाजी हुई। इन विरोध प्रदर्शनों में जो बात सबसे ज्यादा हैरान करने वाली थी, वह थी स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं का इन प्रदर्शनों में बड़े पैमाने पर हिस्सा लेना। लेकिन अब इन प्रदर्शनों के बाद एक छात्रा ऐसी है जिसने तय किया है कि वह अब कभी भी ऐसे विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा नहीं बनेगी जो देश विरोधी होंगे।
कॉमर्स की स्टूडेंट हैं इकरा
17 वर्ष की इकरा जो कि श्रीनगर की रहने वाली है, इन प्रदर्शनों में हुई पत्थरबाजी का शिकार हो गई। पत्थरबाजी की वजह से जहां उसकी आंख में गंभीर चोट आई तो वहीं उसके सिर में भी फ्रैक्चर हो गया है। इकरा ने अब तय किया है कि वह कभी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होगी। पिछले हफ्ते साउथ कश्मीर के पुलवामा में सैंकड़ों छात्र-छात्रा सड़कों पर थे और पत्थरबाजी कर रहे थे। यहां पर छात्रों का कहना था कि सेना की गाड़ी ने उनके स्कूल पर छापा मारा तो वहीं सेना का कहना था कि एक प्रदर्शनी के लिए उसके एक ऑफिसर प्रिंसिपल से मिलने गए थे। स्कूल के कैंपस में सेना की मौजूदगी से छात्र भड़क उठे और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई। पत्थरबाजी के दौरान जम्मू कश्मीर पुलिस को आंसू गैस और पैलेट गन का प्रयोग तक करना पड़ा। इकरा की मानें तो वह अपने दोस्तों के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही थी। साथ ही यह भी कहा कि वह स्कूल पढ़ाई करने जाती है और यहां पर उसे सेना या फिर सुरक्षाबल नहीं चाहिए। इकरा नवकादल कॉलेज में कॉमर्स की फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट है। उसकी 21 वर्षीय बहन साइमा भी उसके साथ है। साइमा की मानें तो एक लोकल न्यूजपेपर में उसे पुलवामा की घटना के बारे में पता चला।
बहन ने लगाया भरत पर कब्जे का आरोप
श्रीनगर में जो विरोध प्रदर्शन हुआ उसमें इकरा भी थी और यहां पर कुछ लड़कों ने सेकीदफर चौक पर सीआरपीएफ के बंकर के पास पत्थरबाजी की। यहीं पर एक पत्थर इकरा के सिर पर लगा। इकरा की मानें तो यह पत्थर सीआरपीएफ की जवाबी कार्रवाई का ही नतीजा था। उसके इलाज में लगे डॉक्टरों का कहना है कि उसे पूरी तरह से ठीक होने में करीब तीन माह का समय लगेगा। जब इकरा से पूछा गया कि क्या वह आगे पत्थरबाजी या फिर प्रदर्शन का हिस्सा बनेगी तो उसने साफ इंकार कर दिया। इकरा जम्मू कश्मीर की पहली लड़की है जो पत्थरबाजी में घायल हो गई है। इकरा की बहन साइमा की मानें तो भारत ने गलत तरीके से कश्मीर पर कब्जा किया हुआ है। साइमा एक सिविल सर्वेंट बनकर चीजों को बदलना चाहती हैं। पिछले हफ्ते जो विरोध प्रदर्शन कश्मीर में हुए उनके बाद स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सोमवार को फिर से घाटी के स्कूल-कॉलेज खोले गए हैं।