शांति के लिए नोबेल प्राइज में श्री श्री रविशंकर ने निभाई थी अहम भूमिका
नई दिल्ली। इस बार का पीस नोबेल प्राइज कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस को मिला है, लेकिन इस अवार्ड के पीछे आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्री श्री रविशंकर ने काफी अहम भूमिका निभाई है। कोलंबिया में सिविल वार को खत्म करने में जुआन ने काफी अहम भूमिका निभाई थी और इसमें श्री श्री ने उनका काफी साथ दिया था। पिछले 52 सालों से कोलंबिया में ऑर्म फोर्सेस और कोलंबिया सरकार के बीच तनाव चल रहा था जोकि आखिरकार खत्म हो गया।
जानिए नोबेल प्राइज का इतिहास और हर एक बात...
ऐतिहासिक करार पर श्री श्री को भी मिला था न्योता
जिस वक्त इस सिविल वार को खत्म करने के दस्तावेज पर 26 सितंबर को कार्टागेना में साइन किया जा रहा था तो श्री श्री को भी जुआन व फार्क यानि आर्म फोर्सेस ने आमंत्रित किया था।
राष्ट्रपति ने शुक्रिया अदा किया
कार्यक्रम के बाद सैटोस ने श्री श्री को शुक्रिया अदा करते हुए कहा था कि आपने इस शांति प्रक्रिया में जोभी योगदान दिया है उसके लिए शुक्रिया करते हिए कहा कि आपकी मदद काफी अहम रही, खासकर आपका आध्यात्मिक निर्देशन काफी मददगार रहा और इसके लिए हम आपका हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे।
दोनों पक्षों की कराई मुलाकात
आपको
बता
दें
कि
कोलंबिया
में
अपने
दौरे
के
दौरान
श्री
श्री
ने
500
स्थानीय
एक्टिविस्ट
न्योता
दिया
था
और
इन्हे
शांति
व
सहयोग
की
भावना
का
संदेश
दिया
था।
इस
दौरान
उन्होंने
कई
पक्षों
से
भी
मुलाकात
की
थी।
पीड़ित परिवारों से की थी मुलाकात
श्री श्री ने सितंबर में फार्क के नेताओं के अलावा उन 12 परिवारों से भी मुलाकात की थी जिनके घरवाले को फार्क के लोगों ने किडनैप करके मौत के घाट उतार दिया था। इस मुलाकात का अंत काफी दिलचस्प था, फार्क के सदस्यों ने हाथ जोड़कर इन लोगों के लिए प्रार्थना की थी।