बस महंगी होने वाली है दिल्ली में बिजली
नई दिल्ली। अब राजधानी दिल्ली में बिजली का बिल बढ़ा हुआ आने में देर नहीं है। दरअसल राजधानी में बिजली महंगी होने वाली हैं।
राजधानी में बिजली की आपूर्ति करने वाली पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी करने की मांग इस आधार पर की है कि उनकी लागत बढ़ती जा रही है।
जानकारों का कहना है कि लागत साल 2002 से 300 फीसद बढ़ चुकी है, लेकिन बिजली बिल इस दौरान 85 फीसद से भी कम बढ़ा है। दिल्ली की डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां अपनी जरूरत की 80-85% बिजली केंद्र सरकार की कंपनियों से खरीदती हैं, जो सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमिशन के दायरे में आती हैं।
मारे जाएंगे दिल्ली वाले
इस बीच, राजधानी के प्रमुख समाज सेवी और विधायक जितेन्द्र सिंह शंटी का कहना है कि हम इन बिजली कंपनियों की मांग को सही नहीं मानते। अगर इनके हिसाब से बिजली की दरें बढ़ीं तो दिल्ली वाले कहीं के नहीं रहेंगे।
राजधानी में बीएसईएस यमुना, बीएसईएस राजधानी और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन बिजली की आपूर्ति करती हैं। सूत्रों का कहना है कि बिजली की दरें बढ़ाने की मांग के साथ इन्होंने इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमिशन से बात की।
इनका कहना है कि पुराने पड़ चुके एनटीपीसी और दूसरी सरकारी कंपनियों के पावर प्लांट्स पर उनकी निर्भरता से बिजली खरीद की लागत बढ़ गई है।
इस बीच, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन ने 9% और बीएसईएस राजधानी ने 7.26% बढ़ोतरी की मांग की है। टाटा पावर दिल्ली 14 लाख और बीएसईएस राजधानी 20 लाख कंजयूमर्स को बिजली सप्लाई करती हैं।
सेंट्रल और ईस्ट दिल्ली में 14 लाख कंजयूमर्स को बिजली पहुंचाने वाली बीएसईएस यमुना ने दरें 17% बढ़ाने की मांग की है।