बिहार विधानसभा चुनाव में छह X-Factors
बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान के ठीक एक दिन पहले जदयू के मंत्री का घूस लेते वीडियो का वायरल होना कोई छोटी बात नहीं है। सच पूछिए तो ऐसे तमाम वीडियो अभी बिहार के गर्भ में हैं, जो कभी भी बाहर आ सकते हैं। लेकिन फिर भी कुछ ऐसे फैक्टर हैं, जो बिहार चुनाव में बेहद महत्वपूर्ण हैं।
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अगर अंग्रेजी भाषा में कहें तो इन बातों को बिहार के एक्स-फैक्टर कहा जा सकता है।
1. भारत में आम तौर पर चुनावों में ऐसे गठबंधन को बहुमत मिल जाता है, जिसकी लहर होती है। बहुत कम होता है, जब तख्ता पलट हो। बिहार वह राज्य है, जिसने 2005 में लालू के राज का तख्ता पलट किया था। ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली ने शीला दीक्षित का। इस बार बिहार का ऊंट किस करवट बैठेगा, यह अब ईवीएम में कैद होना शुरू हो गया है।
2. नीतीश कुमार अपने महागठबंधन के जाल में फंस चुके हैं, वहीं भाजपा अपने सहयोगी दलों लोजपा-हम को ठीक ढंग से बांध नहीं पा रही है। यही कारण है कि आंकड़े कुछ और तस्वीर दिखा रहे हैं। ताजा सर्वे के अनुसार भाजपा को 80 के करीब सीटें मिल सकती हैं, जबकि गैर-जदयू प्रत्याशियों को 140। अब ये गैर जदयू कौन हैं, राजद, कांग्रेस, लोजपा या हम? पेंच यहीं फंस गया है। राजद या कांग्रेस होती है, तो फायदा नीतीश को लेकिन अगर लोजपा या मांझी की हम हुई तो नीतीश कुमार को बड़ा नुकसान हो सकता है।
3. जाति के बंधनों को तोड़ दें तो युवा वोटर मोदी के रंग में रमा हुआ है। यही कारण है कि बिहार के युवाओं का वोट भाजपा के लिये बहुत महत्वपूर्ण होगा। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यही युवा नीतीश को भी बहुत करीब से देख रहे हैं। यहां पर युवाओं का वोट एक्स-फैक्टर का काम करेगा।
4. बिहार में हर दूसरे परिवार का कम से कम एक सदस्य राज्य से बाहर रहता है। जीं 50 प्रतिशत बिहारी परिवारों में प्रवासी लोग हैं और महत्वपूर्ण निर्णय भी वही लेते हैं। अपने मत का प्रयोग करने के लिये तमाम बिहारी अपने गृह जनपद पहुंचेंगे। ऐसे में प्रवासी बिहारी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे और इन्हीं लोगों की वजह से प्री-पोल सर्वेक्षण गलत साबित होंगे।
5. नीतीश कुमार बतौर मुख्यमंत्री बेहर पापुलर हैं। यह उनके कार्यों और उनकी सफलताओं की वजह से है। अगर हाल ही की बात करें तो कोई भी प्रख्यात मुख्यमंत्री बिहार में ऐसा नहीं हुआ है, जो चुनाव हारा हो।
6. सूखा बड़ी भूमिका निभाने वाला है। बिहार का 25 प्रतिशत हिस्सा सूखे की चपेट में आया और जाहिर है इन क्षेत्रों के लोग अपने गुस्से को वोटों के जरिये जरूर जाहिर करेंगे।