चार अहम समझौते के बाद खत्म हुई सपा की पारिवारिक कलह
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के भीतर मचे घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सपा परिवार के बीच किसी भी तरह का झगड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि गायत्री प्रजापति फिर से मंत्री बनाए जाएंगे।
शिवपाल यादव के सरकार और सपा के सभी पदों से इस्तीफे के पीछे हैं ये 7 वजहें
मुलायम
सिंह
के
अहम
बयान
- पार्टी कोई मतभेद नहीं है, हम सब एक हैं। पार्टी के भीतर इस विवाद की वजह से कार्यकर्ता चिंतित हैं
- चाचा भतीजे के बीच कोई झगड़ा नहीं
- मेरे रहते कोई फूट नहीं होगी परिवार में
- अखिलेश और शिवपाल ने आपस में बात की है, अखिलेश शिवपाल के घर जाकर करेंगे मुलाकात
- गायत्री प्रजापति फिर से बनेंगे मंत्री
- अखिलेश हमारी बात टाल नहीं सकतें, क्या वह मेरा कहा नहीं मानेंगे
- मेरे रहते परिवार में फूट नहीं पड़ सकती है।
चार अहम समझौते के बाद खत्म हुआ विवाद
- शिवपाल के सभी विभाग वापस किए जाएंगे, एक अन्य बड़ा पोर्टफोलियो भी दिया जा सकता है।
- खनन की जगह दूसरा अहम मंत्रालय गायत्री प्रजापति को दिया जाएगा। फिर से कैबिनेट मंत्री की शपथ कराई जाएगी।
- शिवपाल सिंह यादव एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे।
- दीपक सिंघल को फिर से मुख्य सचिव बनाया जाएगा, लेकिन इस पर फैसला बाद में लिया जाएगा।
क्या कहा अखिलेश यादव ने
- चाचा से मेरे अच्छ रिश्ते हैं
- मैं, शिवपाल चाचा और नेताजी मिलकर काम करेंगे।
- बीच के आदमी के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- परिवार में कोई झगड़ा नहीं है।
- अगर कोई बीच का आदमी आएगा तो उसे बाहर किया जाएगा। चोर की दाढ़ी में तिनका है।
समर्थक कर रहे हैं खुद को आग के हवाले करने की कोशिश
एक तरफ जहां सपा मुखिया तमाम विवाद को खत्म करने के लिए तमाम बैठकें कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पार्टी कार्यालय के बाहर शिवपाल सिंह के समर्थक शिवपाल सिंह के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। जिनमें से कुछ कार्यकर्ताओं ने खुद को आग लगाने की भी कोशिश की है।
सपा मुखिया के घर बैठकों का दौर जारी
सपा मुखिया लगातार मुख्यमंत्री और शिवपाल के साथ बैठक कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की तो शिवपाल सिंह यादव के साथ उन्होंने दो बार बैठक की है।
मुलायम सिंह ने शिवपाल के इस्तीफे को नामंजूर किया
मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल सिंह यादव का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। शिवपाल यादव ने गुरुवार को यूपी में सपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसे आज अखिलेश यादव ने अस्वीकार कर दिया है।
शिवपाल सिंह यादव जब मुलायम सिंह से मिलने के लिए पहुंचे तो उन्हें देखते ही कहा कि मैंने आपका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। उसे मैंने फाड़कर फेंक दिया है। उन्होंने कहा कि आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर काम करते रहेंगे।
अखिलेश यादव ने भी नामंजूर किया इस्तीफा
वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी शिवपाल सिंह यादव के मंत्री पद के इस्तीफे की पेशकश को ठुकरा दिया है। उन्होंने गुरुवार देर शाम से ही शिवपाल सिंह यादव के इस्तीफे को अपने पास रख लिया था और आज उसे उन्होंने इसे नामंजूर कर दिया था।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हमें पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना है, हम सपा को कमजोर नहीं होने देंगे। उन्होंने अपने सभी समर्थकों से आग्रह करते हुए कहा कि आप सभी पार्टी ऑफिस पहुंचिए, जहां नेताजी आने वाले हैं।
We all stand by Netaji (Mulayam Singh Yadav), "unka sandesh humare liye adesh hai": Shivpal Yadav to his supporters pic.twitter.com/gY7S6tzL9J
— ANI UP (@ANINewsUP) September 16, 2016
We've to work towards strengthening the party, Urge you all to go to party office where Netaji will be coming: Shivpal Yadav to supporters
— ANI UP (@ANINewsUP) September 16, 2016
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समर्थकों ने लगाए नारे
शिवपाल यादव के घर के बाहर उनके समर्थकों ने नारेबाजी भी की। उन्होंने नारे लगाते हुए कहा कि रामगोपाल को बाहर करो। हालांकि, इस दौरान शिवपाल यादव उनसे लगातार यही कहते रहे कि आप लोग पार्टी ऑफिस पहुंचिए, जहां नेताजी आने वाले हैं।
WATCH-"Ram Gopal ko bahar karo" slogans raisd during Shivpal Yadav's address to supporters outside Lucknow residence pic.twitter.com/SYTieuuDrP
— ANI UP (@ANINewsUP) September 16, 2016
सभी पदों से दे चुके हैं इस्तीफा
शिवपाल यादव ने गुरुवार देर रात यूपी सरकार और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पहले अपने करीबी मंत्रियों को हटाए जाने और फिर तीन अहम विभाग छीने जाने से नाराज शिवपाल यादव ने बुधवार को दिल्ली में पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव से मिलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
शिवपाल यादव ने सपा और यूपी सरकार के सभी पदों से दिया इस्तीफा
उसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा था कि वे सरकार में बने रहेंगे। लेकिन गुरुवार को एक बार फिर वह मुलायम सिंह यादव से मिले और उसके बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, अखिलेश यादव ने इस्तीफा खारिज कर दिया।