नीतीश के लिए आसान नहीं था बगावती शरद यादव को मनाना
राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे के बाद अब शरद यादव किसानों के मुद्दे पर विपक्ष को एक करने की कवायद में जुटे, बोले हम विपक्ष का साथ देंगे।
नई दिल्ली। देश के अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए हर रोज राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं, एक तरफ जहां एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को नीतीश कुमार ने समर्थन का ऐलान किया है तो दूसरी तरफ अभी भी कई विपक्षी दल के नेता विपक्ष के उम्मीदवार को उतारने के लिए तमाम दलों का समर्थन हासिल करने की मुहिम में जुटे हुए हैं। यहां तक की खुद शरद यादव नीतीश कुमार के मर्जी के खिलाफ जाकर दूसरे उम्मीदवार को उतारने की कोशिशों में जुटे थे।नीतीश के लिए रामनाथ कोविंद को समर्थन देने से पहले सबसे बड़ी चुनौती शरद यादव थे।
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अब किसानों के मुद्दे पर विपक्ष का देंगे साथ
शरद यादव इस कोशिश में जुटे थे कि वह विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार को उतारने में अपनी भूमिका निभाए, लेकिन जिस तरह से नीतीश कुमार रामनाथ के समर्थन में पहले ही बयान दे चुके थे, उसने शरद यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थी, हालांकि शरद यादव को आखिरकार नीतीश कुमार मनाने में सफल रहे और शरद यादव ने अपनी कोशिश छोड़ दी है।
लालू की रैली पर भी सवाल
राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष की एकता के टूटने के बाद शरद यादव ने अब अपनी मुहिम को बदल दिया है, अब वह किसानों के मुद्दे पर विपक्ष साथ देने के लिए आगे आए हैं, उन्हें इस बात का भरोसा है कि इस मुद्दे पर विपक्ष साथ आएगा। हालांकि सवाल यह भी उठ रहे हैं कि पटना में मोदी सरकार के खिलाफ होने वाले रैली जिसकी अगुवाई लालू प्रसाद कर रहे हैं उसमें कितने दल के नेता शामिल होतें हैं।
नीतीश ने किया पार्टी का रुख साफ
शरद यादव को इस बात का यकीन है कि किसानों के मुद्दे पर सभी विपक्षी दल एकजुट होंगे और उनकी पार्टी भी इस मुहिम में विपक्ष का साथ देगी। आपको बता दें कि 19 जून को एनडीए ने रामनाथ कोविंद को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था, जिसके तुरंत बाद नीतीश कुमार ने उनसे राजभवन जाकर मुलाकात की और उन्हें बधाई दी। नीतीश के रुख से ही साफ हो गया था कि वह रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन देंगे। जिसके बाद बुधवार को पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को साफ कर दिया कि उनकी पार्टी रामनाथ को अपना समर्थन देगी।
बिहार की राजनीति में नहीं उथल-पुथल
माना जा रहा था कि नीतीश कुमार के ऐलान के बाद बिहार की राजनीति में उथल-पुथल देखने को मिलेगी और उनका सरकार में बने रह पाना मुश्किल होगा, लेकिन इससे इतर इस तरह का कुछ भी फेरबदल देखने को नहीं मिला। भाजपा ने नीतीश कुमार के समर्थन का स्वागत किया, खुद केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि मैं नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत करता हूं।