शहाबुद्दीन के जेल से छूटने के बाद सीवान में है दहशत, जानें क्यों
नई दिल्ली। बाहुबली नेता और आरजेडी के पूर्व सांसद रह चुके मोहम्मद शहाबुद्दीन बीते सप्ताह जेल से रिहा हो गए। इसके बाद से ही सीवान जिले में दहशत का माहौल बना हुआ है। हालात इस कदर बिगड़े हैं कि दो स्थानीय नेताओं ने शहाबुद्दीन से अपनी जान को खतरे का अंदेशा जताया तो पुलिस को उन्हें विशेष सुरक्षा मुहैया करानी पड़ी है।
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गवाहों की भी सुरक्षा बढ़ाई
इतना ही नहीं, शहाबुद्दीन मामले से जुड़े दो अहम गवाहों की सिक्योरिटी में भी इजाफा करना पड़ा है। यूं देखा जाए तो सीवान जिले में अब तक कुल 20 लोगों को विशेष सुरक्षा मुहैया कराई जा चुकी है क्योंकि इनको शहाबुद्दीन से जान का खतरा बताया जा रहा है।
शहाबुद्दीन से दुश्मनी है वजह
सीवान के एसपी सौरभ साह ने कहा कि जिन लोगों का सुरक्षा मुहैया कराई गई है, उनकी शहाबुद्दीन से राजनैतिक या निजी दुश्मनी है। जबकि गवाहों की लिस्ट में चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू को भी सुरक्षा मुहैया कराई गई है। ये वही हैं जिनके तीनों बेटों की हत्या कर दी गई थी।
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मार दिए गए थे एक बाप के तीन बेटे
वर्ष 2004 में चंदा बाबू के दो बेटे सतीश और गिरीश मार दिए गए जबकि तीसरे बेटे राजीव रोशन की 2014 में हत्या कर दी गई। मौत के कुछ दिन बाद ही राजीव शहाबुद्दीन मामले में बयान दर्ज कराने वाला था।
फिर सक्रिय हो सकते हैं अपराधी
इन सभी के अलावा श्रीकांत भारती मर्डर केस के गवाह को भी स्पेशल सिक्योरिटी दी गई है। पुलिस की मानें तो शहाबुद्दीन के जेल से आजाद होने के बाद लगभग निष्क्रिय हो चुके अपराधी और शूटर्स फिर से सक्रिय हो सकते हैं। हालांकि, पुलिस इन सभी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
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मोहम्मद कैफ के लिए छापेमारी
जब सीवान एसपी से पूछा गया कि शनिवार को शहाबुद्दीन के साथ मोहम्मद कैफ उर्फ बंटी दिखा था, उसका क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि उसे ढूंढने के लिए बीते दो दिनों से छापेमारी की जा रही है।
राजदेव रंजन हत्याकांड से जुड़ाव
पुलिस की मानें तो यह मोहम्मद कैफ ही था जो कि शहाबुद्दीन को पत्रकार राजदेव रंजन के बारे में सभी सूचनाएं देता था। राजदेव रंजन की कथित तौर पर शहाबुद्दीन के इशारे पर 13 मई को मार दिया गया था। कैफ अपने साथी जावेद भाट के साथ सीवान की एक क्रिकेट एकेडमी चलाता है। राजदेव रंजन की हत्या के बाद से ही वह गिरफ्तारी से बचने के लिए बचता फिर रहा है।