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PM मोदी की वजह से अक्षय मुकुल ने किया रामनाथ गोयनका जर्नलिज्म अवॉर्ड का बहिष्कार

अक्षय मुकुल की जगह हार्पर कॉलिंस के चीफ एडिटर और पब्लिशर कृशन चोपड़ा ने अवॉर्ड लिया। उनकी किताब 'गीता प्रेस एंड मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया' के लिए उन्हें यह अवॉर्ड दिया गया।

By Brajesh Mishra
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नई दिल्ली। रामनाथ गोयनका जर्नलिज्म अवॉर्ड्स में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी और उनकी विचारधारा का बहिष्कार करते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार अक्षय मुकुल ने अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं मोदी और अपनी विचारधारा को एक फ्रेम में नहीं रख सकता।

Ramnath Goenka Awards

अक्षय मुकुल की जगह हार्पर कॉलिंस के चीफ एडिटर और पब्लिशर कृशन चोपड़ा ने अवॉर्ड लिया। उनकी किताब गीता प्रेस एंड मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया के लिए उन्हें यह अवॉर्ड दिया गया।

किताब को मिल चुके हैं कई अवॉर्ड
करीब 20 साल तक बतौर रिपोर्टर काम कर चुके मुकुल को नॉन फिक्शन बुक की कैटेगरी में यह अवॉर्ड दिया गया है। अगस्त 2015 में रिलीज होने के बाद से ही किताब चर्चा में रही है और टाटा लिटरेचर लाइव, बुक ऑफ द ईयर अवॉर्ड समेत कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।

मुकुल ने बताई ये वजह
मुकल ने कहा कि वो रामनाथ गोएनका अवार्ड लेने में सक्षम नहीं थे। उन्होंने द कैरवां के पत्रकार को बताया कि विजेताओं में से एक होना मेरे लिए सम्मान की बात है लेकिन मैं और मोदी के विचार एक ही फ्रेम में नहीं रह सकते। यहां तक कि वो मुझे अवार्ड देने के लिए कैमरे की ओर देखकर मुस्कुरा रहे थे।

मुकुल ने दिल्ली स्थित पटियाला हाईकोर्ट में हुई उस घटना का जिक्र किया जिसमें कुछ पत्रकारों और छात्रों पर भारतीय जनता पार्टी के ओपी शर्मा के नेतृत्व में हमला किया गया था।

Comments
English summary
I Cannot Live With the Idea of Modi and Me in the Same Frame says senior journalist Akshaya Mukul.
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