किसके निशाने पर हैं यूपी के विधायक, देखिए विस्फोटक मिलने के बाद की तस्वीरें
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी तक विधानसभा की थ्री लेयर सिक्युरिटी है। सचिवालय की अलग, विधानभवन के बाहर अलग और विधानसभा में मार्शलों की अलग। इनमें कोई कॉर्डिनेशन नहीं है।
नई दिल्ली। यूपी विधानसभा के अंदर शक्तिशाली विस्फोटक मिलने के बाद से वहां सुरक्षा के इंतजामात बढ़ा दिए गए हैं। फिलहाल घटना की जांच एटीएस कर रही हैं। एटीएस के अधिकारी यूपी विधानसभा पहुंचकर तथ्यों को जुटाने में लगे हैं।इस घटना के बाद से आतंकी साजिश की बात की जा रही है तो सवाल उठता है कि आखिर यूपी के विधायकों को कौन मारना चाहता है?
'सुरक्षा पर नो कंप्रोमाइज'
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बैठक की जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जांच एनआईए से कराने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने सदस्यों से अपील की है कि सुरक्षा जांच में सहयोग करें साथ ही साथ लाए जाने वाले बैग और मोबाइल विधानसभा के बाहर ही रखें जाएं। किसी को खुश करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ मंजूर नहीं है। विधानसभा की गाइडलाइंस हो साथ ही सुरक्षा में लगे लोगों की पहचान अनिवार्य हो। जो पीईटीएन विस्फोटक मिला है वो एक पुड़िया में मिला है और इसकी 500 ग्राम मात्रा पूरी विधानसभा को उड़ाने में सक्षम है।
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403 विधायकों की सुरक्षा से खिलवाड़
योगी आदित्य नाथ ने कहा कि क्या हम किसी व्यक्ति को ऐसी छूट दे सकते हैं कि 403 विधायकों की सुरक्षा से खिलवाड़ करे, पूरी विधानसभा, कर्मचारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करे, जो इस प्रकार की शरारत पर उतर आया है कि सुरक्षा को चुनौती दे। ये तय होना चाहिए कि हम लोग किसी एक व्यक्ति के लिए या किसी को खुश करने के लिए या तुष्टि के लिए 503 जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों-कर्मचारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दे सकते।
सुरक्षा चक्र के अधिकारियों में समन्वय जरुरी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी तक विधानसभा की थ्री लेयर सिक्युरिटी है। सचिवालय की अलग, विधानभवन के बाहर अलग और विधानसभा में मार्शलों की अलग। इनमें कोई कॉर्डिनेशन नहीं है। यूपी में सबसे बड़ी देश की विधानसभा है, इसके बावजूद इसकी सुरक्षा पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया। कहीं ना कहीं हमें सावधानी हमें बरतनी चाहिए।
साइलेंस मोड में रखें फोन
यूपी के सीएम ने कहा कि मैं गुजारिश करता हूं कि विधायक सदन की कार्रवाई के दौरान या तो फोन लेकर नहीं आए, अगर लेकर आएं तो उसे साइलेंस पर रख दें। ऐसी सुविधा होनी चाहिए कि सभी सदस्य सदन के बाहर अपना फोन बाहर रखें। सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था ना सिर्फ विधानसभा के बाहर बल्कि विधानसभा के भीतर भी होनी चाहिए। विधानसभा की तीन स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था है, ऐसे में किस जिम्मेदारी तय नहीं हो पाती है, क्योंकि इनमें समन्यवता की कमी है।
विधानसभा में मिला था विस्फोटक
12 जुलाई को विधानसभा में एक सफेद पाउडर मिला था जिसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया था। जांच में खुलासा हुआ है कि यह एक बेहद शक्तिशाली विस्फोटक था। हालांकि विधानसभा में किसी डिटोनेटर की बरामदगी नहीं हुई है। अगर इसके साथ डिटोनेटर भी होता तो बड़ा धमाका हो सकता था। यह विस्फोटक सदन में एक विधायक की सीट के नीचे बरामद हुआ है।