कैसा था वॉर रूम का माहौल जब पीओके में हो रहा था हमला
नई दिल्ली। 28 और 29 सितंबर को जब इंडियन आर्मी की स्पेशल फोर्स के कमांडो एलओसी पार पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे रहे थे जो सैंकड़ों किलोमीटर दूर नई दिल्ली में भी माहौल काफी तनावपूर्ण था। साउथ ब्लॉक में वॉर रूम में सारे टॉप ऑफिशियल्स मौजूद थे। सभी ऑफिसर्स सांस रोक कर इस सर्जिकल स्ट्राइक को लाइव देख रहे थे।
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हर कदम काफी चुनौतीपूर्ण था
भारत के लिए यह सर्जिकल स्ट्राइक उसकी नीति में बड़ा परिवर्तन था और ऐसे में हर कदम काफी नाजुक था। बुधवार रात 12:30 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन सुबह 4:30 बजे खत्म हुआ। ऑपरेशन पूरा होते ही सारे ऑफिसर्स ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और कहा, 'हमारे लड़कों ने कर दिखाया।'
पीएम मोदी ने भी देखी फीड
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजित डोवाल और डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जरनल रणबीर सिंह पूरी स्थिति को देख रहे थे। इस मिशन की फीड को बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दिखाया गया।
एक अधिकारी के मुताबिक हालांकि सारे अधिकारियों को भरोसा था कि यह मिशन सफल होगा, फिर भी थोड़ा तनाव था।
यह एक हाई-प्रोफाइल मिशन था और हर कोई इसकी सफलता 100 सुनिश्चित करना चाहता था। इसके अलावा भारतीय पक्ष को जान-माल के नुकसान की भी चिंता सता रही थी।
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किसी को नहीं आई एक खरोंच तक
एक अधिकारी के मुताबिक भारत को कोई भी नुकसान नहीं हुआ। ऑपरेशन पूरा होने के बाद अधिकारी यही जानने को बेताब थे कि कहीं किसी भारतीय सैनिक को तो कुछ नुकसान नहीं हुआ। दूसरी तरफ मौजूद भारतीय अधिकारी ने जानकारी दी, 'किसी भी भारतीय सैनिक को एक खरोंच तक नहीं आई हैं।'
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हेलमेट पर लगा था कैमरा
जहां इस ऑपरेशन की एक फीड दिल्ली में टेलीकास्ट हो रही थी तो दूसरी जम्मू कश्मीर के उधमपुर स्थित नॉर्दन कमांड में टेलीकास्ट हो रही थी।
जो कमांडोज इस ऑपरेशन में शामिल थे उन्होंने अपने हेलमेट पर बॉडी कैमरा पहने हुए थे। वीडियो कैमरा से जो भी ट्रांसमिशन था उसे सैटेलाइट के जरिए सुरक्षित किया जा रहा था।
रिकॉर्डिंग का फैसला
जिस समय इस मिशन की योजना बनी, यह तय हो चुका था कि हमले की रिकॉर्डिंग की जाएगी। पाकिस्तान इस सर्जिकल स्ट्राइक से इंकार करेगा इसलिए इस पूरे मिशन को रिकॉर्ड करना काफी नाजुक फैसला था।