नोट बैन के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
8 नवंबर की आधी रात के बाद से यानी 9 नवंबर से मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोटों पर बैन लगा दिया है। अब यह नोट सिर्फ कागज का टुकड़ा भर रह गए हैं।
नई दिल्ली। हाल ही में मोदी सरकार द्वारा किए गए नोट बैन के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट बैन करने के फैसले पर रोक नहीं लगाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कोई नोटिस जारी किए बिना इस मामले सुनवाई की तरीख को 25 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
इसके साथ ही लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से हालात सुधारने के लिए अहम कदम उठाने को कहा है और पूछा है कि लोगों को दिक्कतों से बचाने के लिए वह कौन से अहम कदम उठाने की योजना बना रहे हैं।
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9 नवंबर से लगा है बैन
8 नवंबर की आधी रात के बाद से यानी 9 नवंबर से मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोटों पर बैन लगा दिया है। अब यह नोट सिर्फ कागज का टुकड़ा भर रह गए हैं। इनके बदले सरकार ने 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए हैं, जिन्हें किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर बदला जा सकता है।
इन चीजों पर है 24 नवंबर तक राहत
500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल पंप, दूध बूथ, अस्पताल, रेलवे बुकिंग काउंटर, हवाई टिकट काउंटर और बस स्टेशन जैसे स्थानों पर 24 नवंबर की आधी रात तक पुराने नोट चलाए जाने का आदेश दे दिया है।
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एटीएम और बैंक में भी दी सुविधा
इसके अलावा सरकार ने बैंकों में पुराने नोट बदलवाने की सीमा को भी बढ़ा दिया है। पहले यह सीमा 4000 रुपए थी, लेकिन अब इसे 4500 रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा एटीएम से एक दिन में पैसे निकालने की जो सीमा 2000 रुपए थी, उसे भी बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया गया है।
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अस्पतालों पर सख्ती
हाल ही में कई अस्पतालों द्वारा पुराने पैसों को न लेने की वजह से इलाज के अभाव में कुछ मौतें हुईं, जिस पर सख्ती दिखाते हुए सरकार ने अस्पताल पर कैटरर्स पर सख्ती दिखाने का आदेश दिया है। अगर कोई अस्पताल या कैटरर्स पुराने नोट नहीं लेता है या फिर चेक, डिमांड ड्राफ्ट या ऑनलाइन पेमेंट लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।