ईवीएम मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग को दिया नोटिस, 8 मई तक मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को 8 मई तक अपना जवाब देना है।
नई दिल्ली। ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत करते हुए बसपा और सपा के अवतार रहमान ने एक याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। इस सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को 8 मई तक अपना जवाब देना है। बसपा ने गुहार लगाई थी कि भविष्य में बैलेट पेपर से चुनाव कराने या फिर ईवीएम मशीन में वीवीपीएटी का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाए।
क्या
है
वीवीपीएटी?
वीवीपीएटी
तकनीक
में
वोट
डालने
के
तुरंत
बाद
मशीन
से
पर्ची
निकलती
है,
जिस
पर
उस
उम्मीदवार
का
नाम
लिखा
होता
है,
जिसे
वोट
दिया
जाता
है।
माना
जा
रहा
है
कि
अगर
ईवीएम
में
यह
तकनीक
लागू
कर
दी
जाए
तो
मशीन
से
छेड़छाड़
नहीं
की
जा
सकेगी।
आपको
बता
दें
कि
उत्तर
प्रदेश
में
हुए
विधानसभा
चुनाव
में
भाजपा
की
प्रचंड
जीत
के
बाद
विरोधी
पार्टियों
ने
ईवीएम
से
छेड़छाड़
किए
जाने
का
आरोप
लगाया
था।
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केजरीवाल
जी!
EVM
में
वोट
डालना
है,
खुद
नहीं
घुसना
है
चुनाव
आयोग
ने
दी
हैक
करने
की
चुनौती
लगातार
ईवीएम
से
छेड़छाड़
किए
जाने
की
बात
कहे
जाने
पर
चुनाव
आयोग
ने
विशेषज्ञों,
टेक्नोक्रेट
और
वैज्ञानिकों
को
ईवीएम
को
हैक
करने
की
खुली
चुनौती
भी
दी
है।
आपको
बताते
चलें
कि
इससे
पहले
2009
में
भी
चुनाव
आयोग
ने
ऐसी
ही
चुनौती
दी
थी,
लेकिन
उस
समय
भी
कोई
ईवीएम
को
हैक
नहीं
कर
पाया
था।
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