जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या हमारे एक फैसले से देश में रामराज आ सकता है?
नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने एक मामले में याचिकाकर्ता से पूछा है कि क्या हमारे एक फैसले से देश में रामराज आ सकता है?
फुटपाथ
पर
अवैध
कब्जे
पर
याचिका
क्या हम एक आदेश करें कि देश में भ्रष्टाचार कम हो जाए तो ऐसा हो जाएगा? क्या ऐसा हो सकता है कि हमारा आदेश होने पर देश में कोई अपराध ही नहीं हो?
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देशभर में फुटपाथ पर हुए कब्जों को हटाने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें कही।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट आदेश कर दे कि देशभर के फुटपाथ से अवैध कब्जे हटा दिए जाएं तो क्या इस आदेश का पालन हो जाएगा?
याचिकाकर्ता ने भी दी अहम दलीलें
मुख्य न्यायाधीश ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट सभी बुराइयों को दूर नहीं कर सकता है। हमारी भी एक सीमा है।
मुख्य न्यायाधीश ने इस याचिका को खारिज करना चाहते थे लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से भी कई दलीलें दी गई।
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याचिकाकर्ता ने कहा कि देश के फुटपाथों पर अवैध कब्जे से हालात खराब हो रहे हैं। लोगों को परेशानी हो रही है। पुलिस और प्रशासन इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर रहा है। आखिर कोर्ट लोगों को अकेला कैसे छोड़ सकता है? जिसके बाद कोर्ट ने इस पर फरवरी में सुनवाई की बात कही है।
फरवरी में होगी अगली सुनवाई
अवैध कब्जे को लेकर याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं हो सकता तो क्या लोग 10 जनपथ या लुटियंस जोन में स्थित बंगलों पर कब्जा कर लें?
याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायाधीश से पूछा कि हर सुबह मैं समाचार पत्र में पढ़ता हूं कि आपने अलग-अलग मामलों में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे में आप फुटपाथ से अवैध कब्जे हटाने को लेकर कोई फैसला क्यों नहीं दे सकते?
याचिकाकर्ता की इस टिप्पणी के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या हमारे एक आदेश से देश में रामराज स्थापित हो जाएगा।