'दूध में मिलावट करने वालों को मिले आजीवन कारावास की सजा'
दिल्ली। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने दूध में बढ़ती मिलावट को लेकर चिंता जाहिर की है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस बात का समर्थन किया कि दूध में मिलावट करने वालों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दूध में मिलावट करने वाले लोगों के लिए छह महीने की जेल और जुर्माना छोटी सजा है। इसके लिए आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिए।
टीओआई की खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर, न्यायाधीश आर भानुमती और न्यायाधीश यू यू ललित ने कहा कि दूध में बढ़ती मिलावट और सिथेंटिक दूध की बिक्री को तत्काल प्रभाव से रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दूध में होने वाली मिलावट से आने वाली पीढ़ियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा और उनका विकास प्रभावित होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा का उदाहरण देते हुए कहा कि इन राज्यों में पहले से ही दूध में मिलावट को लेकर सख्त कानून है। देश में केंद्र और अन्य राज्य सरकारों को भी ऐसा ही कानून बनाने के बारे में सोचना चाहिए।
2011
की
एफएसएसएआई
की
रिपोर्ट
का
दिया
हवाला
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
केंद्र
सरकार
दूध
में
मिलावट
करने
वालों
के
खिलाफ
सख्त
कार्रवाई
करने
के
लिए
राज्य
सरकारों
की
तरह
कानून
में
बदलाव
करे।
अगर
जरूरत
पड़ती
है
तो
सरकार
को
फूड
सेफ्टी
एंड
स्टैंडर्ड
एक्ट
में
भी
बदलाव
करना
चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि दूध और खाने में होने वाली मिलावट से लोगों का स्वास्थ्य कितना खराब हो सकता है, इसके बारे में सरकार लोगों के बीच जाकर उन्हें बताए और जागरूक करें।
आपको बताते चलें कि वर्ष 2011 में एफएसएसएआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के बाजार में बिकने वाले 68 फीसदी दूध में मिलावट थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को भी संज्ञान में लिया था।