सारधा-बर्दवान में अभी सरकार ने नहीं दी है क्लीन चिट
नई दिल्ली। बुधवार को जैसे ही संसद से खबर आई कि सरकार ने सारधा और बर्दवान लिंक पर एक लिखित बयान दिया है तो मानों जैसे हंगामा ही मच गया। जबकि केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र की ओर से कहा गया कि अभी तक की जांच में यह बात साफ नहीं हो पाई है कि जो भी पैसा बांग्लादेश भेजा गया, उसका प्रयोग आतंकी गतिविधियों के लिए ही हुआ है। सरकार की ओर से फिलहाल जांच की बात कही गई है।
क्या कहा था सरकार ने
वहीं दूसरी तरफ भारतीय एजेंसियां बांग्लादेश की ओर से आई रिपोर्ट पर भी जांच कर रही हैं जिसमें दोनों के बीच कनेक्शन होने की बात कही गई है। जब केंद्रीय मंत्री से पूछा गया कि क्या उन्होंने सारधा चिटफंड स्कैम से जुड़ी जानकारियों के बारे में नहीं पता लगाया जिसमें कहा गया था कि इस घोटाले का पैसा आतंकी गतिविधियों के मकसद से बांग्लादेश भेजा गया, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि सरकार के पास ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं है। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया गया कि फिलहाल जांच जारी है।
क्या
था
बांग्लादेश
की
जांच
में
19
सितंबर
को
बांग्लादेश
की
ओर
से
भारत
को
जो
जानकारी
दी
गई
उसके
मुताबिक
सारधा
घोटाले
का
पैसा
बांग्लादेश
की
जमीन
पर
आतंकवाद
को
बढ़ावा
देने
के
मकसद
से
कुछ
आतंकी
संगठनों
को
भेजा
जा
रहा
है।
बांग्लादेश
ने
अपनी
चिंता
जाहिर
करते
हुए
जमात-ए-इस्लामी
का
नाम
भी
लिया।
बांग्लादेश की ओर से यह भी कहा गयाा था कि पांच जनवरी 2015 को बांग्लादेश में चुनाव होने हैं और इस दौरान वहां पर उथल-पुथल मचाने के लिए संगठनों के पास लगातार पैसा आ रहा है। बांग्लादेश इंटेलीजेंस की ओर से उसकी सरकार को बताया गया कि इस पूरे षडयंत्र में सारधा घोटाले का पैसा प्रयोग किया जा रहा है।
इसके अलावा बांग्लादेश ने भारत से भी यह कहा कि यहां पर कुछ संगठन हैं जो बांग्लादेश में परेशानियां पैदा करने के लिए मदद पहुंचा रहे हैं।
डोवाल से मिले बांग्लादेश के विदेश मंत्री
बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल से मुलाकात की थी। नई दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान उन्होंने इस बात को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने डोवाल को बताया था कि बांग्लादेश में सारधा घोटाले का पैसा पहुंच रहा है जो कि चिंता का विषय है।
वहीं दूसरी इंडियन इंटेलीजेंस एजेंसी आईबी ने सबसे पहले टीएमसी के सांसद अहमद हासन इमरान पर उंगली उठाई थी। आईबी की रिपोर्ट हसन को बांग्लादेश के आउटफिट्स को मदद पहुंचाने का आरोप लगा था।
हसन का नाम सारधा घोटाले में भी आया है और ईडी ने भी उनसे पूछताछ की है। हालांकि हसन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार कर दिया था। आईबी का कहना है कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि घोटाले का पैसा बांग्लादेश भेजा गया है। इस बात के भी संकेते है कि इस पैसे का प्रयोग आतंकी गतिविधियों में किया गया।
जांच में लगेगा अभी समय
बर्दवान ब्लास्ट और सारधा घोटाले के बीच कनेक्शन की जांच में फिलहाल अभी समय लगेगा। अभी तक एजेंसियां एक खास मॉड्स ऑपरेंडी के बारे में जांच कर रही हैं। एजेंसियां इसके साथ ही साथ उन लोगों के बारे में भी पता लगा रही हैं जो इन सबमें शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ अगर सारधा की बात करें तो इसमें सीबीआई को समय लगेगा। टीएमसी के कुछ सदस्य जांच में सहयोग ही नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से जांच में देरी हो रही है।
इसके अलावा सीबीआई और ईडी दोनों ही इस केस पर लगे हैं। दोनों केस की जांच में कम से कम पांच माह का समय और लगेगा। सीबीआई और एनआईए को इसके लिए साथ में आना होगा और साथ ही उन सुबूतों को भी आपस में साझा करना होगा जो बांग्लादेश ने उन्हें मुहैया कराए हैं।