1 लाख रुपये में स्वर्ग भेजने और भगवान से फेस टू फेस मीटिंग करवाता था रामपाल
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। आस्था की आड़ में पाखंड का प्रवचन और पाप का प्रसाद बांटने वाले संत रामपाल अपने बाबागिरी के दिनों में कितना चमत्कारी था ये तो उसके भक्त ही जानते हैं। लेकिन जबसे पुलिस ने रामपाल और उसके जुड़े रहस्यों का पिटारा खोला है हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। आलम तो ये है कि पुलिस उसके आश्रम एक ईंट हटाती है और वहां से कोई नया रहस्य निकल जाता है। अब जो जानकारी हाथ लगी है उसके मुताबिक रामपाल अपने भक्तों को स्वर्ग भेजने और भबवान की झलक दिखाने का दावा करता था।
रामपाल का पोंजी स्कीम और बिना कमिशन के एजेंट
पाखंडी संत रामपाल ने पाप का जो साम्राज्य खड़ा किया था उसमें स्वर्ग और भगवान की बड़ी भूमिका थी। रामपाल ने पोंजी स्कीम की तरह एजेंटों का जाल बिछा रखा था जो उसके लिए पेड भक्त ढूंढने का काम किया करते थे। रामपाल के इस स्कीम में फर्क सिर्फ इतना था कि बाबा किसी भी एजेंट को पैसे नहीं देता था। ये एजेंट कोई और नहीं बल्कि बाबा को वो खास समर्थक हुआ करते थे जिनपर उन्हें ज्यादा भरोसा रहता था।
ये एजेंट दूर-दूर गांवों में जाते थे और भोले-भाले लोगों को बाबा का चमत्कार की कहानियां सुनाते थे। रामपाल के वो एजेंट गरीबों को सपने दिखाते कि बाबा रामपाल उनके सारे दुख और कष्ट दूर कर सकता है। उनकी सारी समस्याओं का समाधान कर सकता है। बाबा के एजेंट भोले भाले लोगों को बरगलाते कि रामपाल स्वर्ग भेजने की ताकत रखता है। वो एजेंट लोगों को बताते कि बाबा रामपाल भगवान से मिलाने की ताकत रखता है। जैसे ही कोई शख्स बाबा की चमत्कारिक ताकतों पर भरोसा कर लेता रामपाल के एजेंट उसे लेकर सतलोक आश्रम में पहुंच जाते और फिर शुरू होता आस्था और अंधविश्वास का खेल।