सपा यूपी में नहीं करेंगी कोई गठबंधन, जानिए 5 कारण
लखनऊ। आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कड़कड़ाती ठंड में भी अभी से ही यूपी का सियासी पारा गर्म है। इसलिए अभी से ही सपा की ओर से बयान आने लगा है कि वो विधानसभा चुनावों में किसी से गठबंधन नहीं करेगी।
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सपा के कद्दावर नेता राम गोपाल यादव ने सारी अटकलों को समाप्त करते हुए शनिवार को मैनपुरी में कहा कि समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और किसी भी पार्टी से तालमेल या गठबंधन नहीं करेगी।
सपा नहीं करेगी किसी से गठबंधन
सपा के इस बयान से उन तमाम अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया कि जिसमें कहा जा रहा था कि सपा सारे मतभेद मिटाकर एक बार फिर से लालू संग यूपी में हाथ मिला सकती है। आईये स्लाइडों के जरिये जानते हैं कि सपा के इस बयान के पीछे क्या कारण हो सकते हैं..
कारण नंबर 1: सपा का दबदबा
यूपी में सपा की पूर्व बहुमत वाली पार्टी है अगर वो गठबंधन करती है तो लोगों के अंदर मैसेज जा सकता है कि सपा को अपनी हार का डर सता रहा है।
कारण नंबर 2: बिहार चुनाव
बिहार चुनाव में जिस तरह से राजद की वापसी हुई है उससे कहीं न कहीं मुलायम सिंह को एहसास हुआ है कि अगर यूपी में राजद के साथ वो आते हैं तो यादवों के वोट बंट सकते हैं जिससे उनको नुकसान हो सकता है।
कारण नंबर 3: केवल मायावती से खतरा?
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली और बिहार के चुनाव परिणाम से सपा को एहसास है कि मोदी चार्म का असर राज्य के चुनाव पर नहीं पड़ेगा इसलिए वो शायद बीजेपी और कांग्रेस को अपने मुकाबले में आंक ही नहीं रहा। उसकी सीधी टक्कर मायावती से हो जिनसे लड़ने के लिए पर्याप्त ताकत उसके पास है।
कारण नंबर 4: अखिलेश पर भरोसा
सपा ने जरूर साल 2012 का चुनाव मुलायम के दम पर जीता था लेकिन साल 2017 का चुनाव वो अखिलेश यादव के दम पर लड़ने जा रही है और उसे लगता है कि अखिलेश इस बार भी विकास की नैया के सहारे उसका बेड़ा पार लगायेंगे।
कारण नंबर 5: यूपी से ही दमखम
सपा पूरी तरह से यूपी की सत्ता पर काबिज होना चाहती है इसी कारण वो किसी से गठबंधन करने को तैयार नहीं। आपकी राय इस बारे में क्या है अपनी बात नीचे के कमेंट बॉक्स में जरूर दर्ज करायें।