क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अमरनाथ आतंकी हमले में अपनी जान पर खेलकर यात्रियों की जान बचाई बस ड्राइवर सलीम ने

Google Oneindia News

श्रीनगर। सोमवार को सावन माह का पहला सोमवार था और अमरनाथ यात्रा पर पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए यह मौका सोने पर सुहागे की तरह था। लेकिन आतंकियों की नजर य‍ात्रियों को लग गई और उनकी गोलियों ने उन्‍हें अपना निशाना बना लिया। हिंदू तीर्थयात्रियों पर जो आतंकी हमला हुआ उसमें और लोगों की जान चली जाती अगर बस ड्राइवर सलीम ने बुद्धिमानी का परिचय नहीं दिया होता। आतंकी लगातार बस को निशाना बना रहे थे और ड्राइवर सलीम के सामने बस में सवार सभी 50 यात्रियों की जिंदगी बचाने का जिम्‍मा था। उन्‍होंने अपनी जिम्‍मेदारी भी निभाई और अपनी जान खतरे में डालकर तीर्थयात्रियों की जान बचाई।

अमरनाथ आतंकी हमले में अपनी जान पर खेलकर यात्रियों की जान बचाई बस ड्राइवर सलीम ने

फायरिंग के बीच भी नहीं रोकी बस

आतंकियों की ओर से गोलियों की बौछार जारी थी लेकिन सलीम ने एक भी सेकेंड के लिए बस नहीं रोकी। उन्‍हें यह बात बखूबी मालूम थी कि बस को रोकने का मतलब और ज्‍यादा नुकसान होगा। आतंकी हमले के बीच ही वह बस चलाते रहे और यात्रियों की सुरक्षा का ध्‍यान रखा। अगर वह यह करने का फैसला नहीं लेते तो शायद मौत का आंकड़ा सात से बढ़कर और ज्‍यादा हो सकता था। फायरिंग के बीच ही सलीम बस को ड्राइव करके पास के आर्मी कैंप तक ले गए और फिर उन्‍होंने बस रोकी। आर्मी कैंप घटनास्‍थल से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर था। वहीं सलीम के चचेरे भाई जावेद मिर्जा ने बताया कि सलीम ने उन्‍हें रात 9:30 बजे कॉल करके बताया था कि बस पर फायरिंग हुई है। सलीम ने जावेद से कहा कि उन्‍होंने फायरिंग के बीच रुकने की बात कही थी। वह सिर्फ बस को सुरक्षित जगह तक ले जाना चाहते थे और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा चाहते थे। जावेद की मानें तो सलीम को इस बात का अफसोस है कि अपनी कोशिशों के बाद भी वह सात लोगों की जान नहीं बचा सके। आपको बता दें कि इस बस में 50 यात्री सवार थे।

यात्रियों के लिए हीरो बने सलीम

जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के आई मुनीर खान ने इस पर बताया, 'मैने यात्रियों से बात की और उन सभी ने ड्राइवर की तारीफ की है। फायरिंग के बीच भी सलीम बस चलाते रहे और उन्‍हें सुरक्षित स्‍थान तक लेकर गए।' आतंकी हमले में जो यात्री बच गए हैं वह सलीम का धन्‍यवाद करते नहीं थक रहे हैं। एक यात्री ने बताया, 'हम सो रहे थे और अचानक गोलियों की आवाज से हमारी नींद खुली। वह ड्राइव करते रहे और हमें सुरक्षित स्‍थान तक लेकर गए। अगर वह नहीं होते तो शायद स्थिति और बुरी हो सकती थी।'जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस की ओर से कहा गया है कि ऐसा नहीं है कि बस रजिस्‍टर्ड नहीं थी। आईजी मुनीर खान ने बताया, ' बस अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्‍टर्ड थी और वह भी काफिले का हिस्‍सा थी। बस में सवार यात्रियों ने दो दिन पहले ही दर्शन किए थे और वह बाकी जगहों पर घूमने जा रह थे। यह सच है कि बस ने एक अलग रास्‍ता लिया था लेकिन बस रजिस्‍टर्ड थी।'

Comments
English summary
Terror attack on a bus ferrying Amarnath Yatris would have claimed more lives. Salim, the driver of the bus that was ferrying the passengers emerged a hero by saving lives risking his own.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X