आया 15 अगस्त, बिकता तिरंगा, अपमान भी होता तिरंगे का
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) राजधानी दिल्ली में तिरंगे के बिकने और अपनी कार से लेकर घरों तक में लगाने का मौसम चालू हो गया। कारण बहुत साफ है कि 15 अगस्त आने वाला है। पर इसके साथ ही राजधानी में तरंगा का अपमान भी जारी है।
तिरंगा अब दुकानों से लेकर चौराहों पर मिल रहा है। दस रुपये में इसे खरीदा जा सकता है। थोड़ी कोशिश करेंगे तो ये 5-7 रुपये में भी मिल जाएगा। लाजपत नगर, कनॉट प्लेस, हरि नगर, प्रीत विहार, आईएनए,आटीओ वगैरह में झंडे मिल रहे हैं।
गर्व का भाव
राजधानी के कारोबारी सुरक्षित सिंहल ने बताया कि उन्होंने बीते हफ्ते पांच तिरंगे खरीदे अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए। तिरंगा देखते ही दिल खुश हो जाता है। गर्व का अहसास होता है।
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अपमान भी जारी
पर, इसके साथ ही आनंद विहार बस डिपो तथा प्रगति मैदान के ठीक बाहर तिरंगे का अपमान भी बदस्तूर जारी है। इन दोनों जगहों पर रोज कुछ औरतें यहां से गुजरने वाले लोगों को छोटा सा कागज का तिरंगा देने की फिराक में रहती हैं।
लोगों की कमीज,कोर्ट या जैकेट पर एक छोटा तिरंगा लगाने की कोशिश होती हैं। मना करने पर गालियां तक देने लगती हैं। लगता है, इन औरतों को किसी पुलिसवाले का डर नहीं है। डर भी क्यों हो.. क्योंकि पुलिसवाले तो वहां पर बैठकर सारा नजारा देख रहे होते हैं।
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वन इंडिया ने पहले भी लिखा था कि इन औरतों को अगर कोई तिरंगा लगाने से मना करता हैं तो ये इनका काफी दूर तक पीछा करती हैं। इस सारी कवायद में कई बार तिरंगा जमीन में गिर जाता है।
तिरंगे का अपमान होता है। ये झंडा लगाने के बाद 50-100 रुपये लोगों से मांगती है। इसे आप उगाही भी कह सकते हैं। बेशक, ये सारा मामला बेहद अफसोसजनक है। क्या कोई इस तरफ गौर करेगा?