रोहिंग्या मुसलमानों को भड़का कर भारत पर हमले की फिराक में आईएसआई
म्यांमार में जुर्म का शिकार हो रहे रोहिंग्या मुसलमानों के गुस्से का फायदा पाकिस्तान उठाने की फिराक में हैं। पाक रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत पर हमले के लिए मोहरा बना रहा है।
नई दिल्ली। पिछले काफी समय से म्यामांर की सेना और सरकार के जुल्मों का शिकार हो रहे वहां के अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमान कई देशों में शरणार्थी बनकर रह रहे हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और जमात-उद-दावा का चीफ हाफिज सईद रोहिंग्या मुस्लिमों को खुद पर हुए जुल्मों के बदले के लिए उकसा कर भारत पर हमला कराने की साजिश रच रहे हैं। इंटिलेंस ब्यूरों के अधिकारियों को इस बाबत गुप्त सूचनाएं मिलने की खबर है। आईबी ने आईएसआई और जमात-उद-दावा के रोहिंग्या मुसलमानों को आतंक की ट्रेनिंग देने की बात कही है।
2012 में कराची में रोहिंग्या मुसलमानों के बीच से मौलाना अब्दुल कुद्दूस और जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद के बीच मुलाकात हुई थी। इस मीटिंग में रोहिंग्या मुसलमानों पर जुल्म की निंदा की गई थी और रोहिंग्याओं का बदला लेने का प्रस्ताव पास किया गया था। पाकिस्तानी मूल के रोहिंग्या मौलाना अब्दुल कुद्दूस संगठन हरकत उल जिहाद (ए) का प्रमुख है। अब्दुल को पाकिस्तान में सक्रिय तालिबान संगठनों का करीबी माना जाता है। बताया जाता है कि कराची में इस मीटिंग के बाद ही आईएसआई और हाफिज सईद की मदद से रोहिंग्या मुसलमानों को ट्रेनिंग के लिए हरकत उल जिहाद (ए) के कैंप लगाए गए।
थाईलैंड-म्यांमार
सीमा
पर
स्थित
माय
सोट
में
जमात
उद
दावा
और
आईएसआई
की
मदद
से
हूरकत
उल
जिहाद
के
कैंप
चलने
की
बात
सामने
आई
है।
इस
कैंप
में
तालिबान
लड़ाके
रोहिंग्या
मुस्लिमों
को
ट्रेनिंग
दे
रहे
हैं।
सबसे
ज्यादा
चिंता
की
बात
ये
है
कि
माय
सोट
में
स्थापित
यह
इस
कैंप
का
इस्तेमाल
भारत
और
बांग्लादेश
में
आतंकी
हमलों
को
अंजाम
देने
के
लिए
किया
जा
सकता
है।
सूत्रों
की
मानें
तो
इस
कैंप
को
भारत
पर
हमले
के
लिए
ही
स्थापित
किया
गया
है।
बताया
जा
रहा
है
कि
यहां
से
पहले
भी
लड़ाके
भारत
और
कुछ
दूसरी
जगहों
पर
भेजे
गए
हैं।
अब
फिर
से
यहां
से
गतिविधियां
होने
की
बात
सामने
आ
रही
है।
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'उन्होंने
हम
दोनों
बहनों
को
बेड
पर
बांध
दिया
और
बारी-बारी
से
रेप
किया'