18 साल की लड़की ने दिया नवजात को जन्म, पुलिस ने 12 साल के लड़के के खिलाफ मामला किया दर्ज
हैरान कर देने वाले घटना क्रम में पुलिस ने 12 साल के लड़के के खिलाफ 18 साल की लड़की को गर्भवती करने का मामला दर्ज किया है।
कोच्चि। केरल स्थित कोच्चि के कालामसरी पुलिस ने 12 वर्षीय लड़के के खिलाफ 18 साल की लड़की को गर्भवती करने के आरोप मे मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने मामला तब दर्ज किया जब लड़की ने एक प्राइवेट अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
लड़की को गर्भवती करने के आरोप में 12 वर्षीय लड़के को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 के तहत गिरफ्तार किया गया है। लड़के पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर लड़की को गर्भवती किया।
लड़की के उम्र के दावे में अंतर
पुलिस ने अस्पताल के प्रशासन के खिलाफ इसलिए मामला दर्ज किया है क्योंकि उन्होंने पुलिस को इस मामले की जानकारी ना देकर, प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फार्म सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (पॉस्को एक्ट) का उल्लंघन किया था।
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इस मामले में एक ओर जहां पुलिस का कहना है कि लड़की अभी 17 साल 10 महीने की है वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि लड़की 18 वर्ष की हो चुकी है।
अस्पताल की ओर से इस मामले की कहा गया कि जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि लड़की को 12 वर्षीय लड़के ने गर्भवती किया है, हमने इसकी जानकारी तुरंत चाइल्डलाइन को दे दी।
बकौल अस्पताल प्रशासन जब लड़की 4 नवंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज हुई तो उससे जुड़ी सारी फाइलें चाइल्डलाइन को सौंप दी गई।
चाइल्डलाइन ने जताया शक
वहीं चाइल्डलाइन के लोगों ने इस बात पर शक जताया कि कैसे 12 साल का लड़का, लड़की को गर्भवती कर सकता है।
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मसले पर चाइल्डलाइन के निदेशक फादर टॉमी एसडीबी ने कहा कि प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अस्पताल ने हमें इसकी जानकारी 2 नवंबर को दे दी थी। हमने इस घटना के बारे में थ्रीककारा एसीपी को जानकारी दी थी।
कालामसरी के सर्किल इंस्पेक्टर जयकृष्णन का कहना है कि पुलिस को तब जानकारी दी गई जब लड़की ने बच्चे को जन्म दे दिया था।
पुलिस ने कहा दी जानी थी जानकारी
पुलिस के अनुसार पॉस्को एक्ट की धारा 18 के तहत हमें तुरंत जानकारी दी जानी चाहिए थी। ऐसा न कर पाने की दशा में अस्पताल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
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हालांकि चाइल्डलाइन और चाइल्ड वेलफेयर कमीशन के अधिकारियों ने अस्पताल का बचाव किया है।
अधिकारियों का कहना है कि पुलिस को जानकारी देना आवश्यक नहीं है। उन्होंने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सूची बद्ध किसी भी एजेंसी को जानकारी दी जा सकती है।
वहीं लड़की के दादा-दादी ने नवजात शिशु को चाइल्ड वेलफेयर कमीशन को यह कहते हुए सौंप दिया है कि वो उसकी परवरिश नहीं कर सकते।