देर रात किरण बेदी के नाम का ऐलान, केजरीवाल के लिए चुनावी बिसात
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही राजनैतिक दलों की रणनीतियों ने इसे बेहद ही दिलचस्प बना दिया है। ऐसा शायद पहली बार हुआ होगा कि किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष ने रात को 11 बजे प्रेस कांफ्रेंस करके चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा की हो।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक सोमवार को होनी थी। साथ ही यह भी माना जा रहा था कि पार्टी सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। लेकिन ये उम्मीद शायद ही किसी को थी कि रात 11 बजे के बाद अमित शाह पीसी के माध्यम से इसका ऐलान करेंगे।
केजरीवाल
को
खुली
चुनौती
देर
रात
अमित
शाह
की
प्रेस
कांफ्रेंस
के
मायनों
पर
नजर
डालें
तो
यह
स्पष्ट
होता
है
कि
अमित
शाह
किरण
बेदी
के
नाम
के
ऐलान
के
साथ
दिल्ली
चुनावों
में
इसका
पूरा
लाभ
उठाना
चाहते
थे।
केजरीवाल
इससे
पहले
भी
दिल्ली
विधानसभा
चुनाव
में
मुख्यमंत्री
पद
की
प्रमुख
उम्मीदवार
शीला
दीक्षित
को
सीधी
चुनौती
देते
हुए
उनके
खिलाफ
चुनाव
लड़ा
था।
केजरीवाल
को
सोचने
के
लिए
दिया
12
घंटे
का
वक्त
वहीं
लोकसभा
चुनाव
में
केजरीवाल
ने
प्रधानमंत्री
पद
के
प्रबल
उम्मीदवार
नरेंद्र
मोदी
के
खिलाफ
बनारस
में
चुनाव
लड़ा
था।
ऐसे
में
केजरीवाल
के
लिए
अमित
शाह
ने
उन्ही
के
सियासी
तरीके
पर
हमला
बोलने
का
रास्ता
चुना।
केजरीवाल
मंगलवार
को
नई
दिल्ली
विधानसभा
सीट
से
नामांकन
भरने
जाने
वाले
हैं।
ऐसे
में
शाह
ने
केजरीवाल
के
नामांकन
से
ठीक
12
घंटे
पहले
उन्हें
अपनी
सीट
पर
फिर
से
विचार
करने
का
वक्त
दिया।
अमित शाह केजरीवाल के सामने यह विकल्प रख दिया कि अगर वह चाहे तो किरण बेदी की विधानसभा सीट कृष्णानगर से नामांकन भर सकते हैं। अमित शाह के इस दांव को इस नजरिये से भी देखा जा सकता है कि अगर केजरीवाल किरण बेदी के खिलाफ नामांकन भरते हैं तो उनके लिए यहां से जीतना काफी मुश्किल है क्योकि कृष्णानगर भाजपा की पारंपरिक सीट है जहां से भाजपा हमेशा से तकरीबन 50 फीसदी मतों से जीतती आयी है।
भाजपा
की
हो
सकती
है
नैतिक
जीत
लेकिन
अगर
केजरीवाल
बेदी
के
खिलाफ
नामांकन
नहीं
भरते
हैं
तो
एक
तरह
से
भाजपा
इसे
अपनी
नैतिक
जीत
के
तौर
पर
भी
देख
सकती
है।
साथ
ही
केजरीवाल
का
किरण
बेदी
के
खिलाफ
सीधे
मैदान
में
नहीं
उतरना
भाजपा
के
लिए
लाभदायक
साबित
हो
सकता
है।