गुस्साई जनता ने अगर सरकार पर ही सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया तो: उद्धव ठाकरे
उद्धव ने कहा कालाधन स्विस बैंक में हैं आम लोगों के पास नहीं।
मुंबई। पीएम मोदी के नोट बैन के फैसले के खिलाफ अब विपक्ष के साथ-साथ भाजपा के सहयोगी दल भी आ गए हैं। शिवसेना ने नोट बैन के फैसले पर कड़े शब्दों में केंद्र सरकार की आलोचना की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 1000 और 500 के नोट पर बैन के ऐलान के बाद जैसे-जैसे जनता में परेशानी बढ़ रही है, वैसे ही राजनीतिक दलों के पीएम पर हमले भी तेज हो रहे हैं।
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अभी तक विपक्ष के निशाने पर रहे पीएम मोदी को उनके सहयोगी दल शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने आड़े हाथों लिया है।
'ये फैसला जनता के खिलाफ है'
उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ये फैसला आम जनता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आम आदमी इस खराब फैसले से बुरी तरह से परेशान हुआ है।
उद्धव ने कहा कि ये जल्दीबाजी में लिया गया एक अपरिक्व फैसला है। उन्होंने कहा कि इसे सरकार अपनी तारीफ करते हुए कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक कह रही है लेकिन अगर गुस्साए और परेशान लोगों ने सरकार पर ही सर्जिकल स्ट्राइक कर दी तो फिर क्या होगा।
उद्धव ने कहा कि सरकार को कालेधन के नाम पर गरीब आदमी को तंग करने की बजाय विदेशों में जमा कालाधन लाना चाहिए। उन्होंने कहा कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक स्विस बैंक पर होना चाहिए ना कि देशवासियों की जेबों पर।
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बढ़ता ही जा रहा है नोट बैन का विरोध
शिवसेना से पहले भी कई दल मोदी सरकार के नोट बैन पर लिए गए फैसले की आलोचना कर चुके हैं। राहुल गांधी ने घंटो बैंक की लाइन में लगकर नोट बदलवाए। उन्होंने इसे जनता के लिए परेशान करने वाला बताया।
कांग्रेस के आनंद शर्मा ने सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि करैंसी बदलने को लेकर ऐसा बचकाना फैसला दुनिया में कहीं नहीं हुआ होगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे आम जनता पर प्रहार कहा है तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे एक खराब फैसला बता चुकी हैं।
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव नोट बैन का मुद्दा संसद में उठाने की बात कह चुके हैं। उन्होंने ऐसे फैसले से पहले लोगों को कुछ दिन का समय देने की मांग की है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने 500 और 1000 के नोट को आर्थिक आपातकाल कहा है। उन्होंने इसे जनता पर बेवजह की मार कहते हुए फैसले की आलोचना की है।
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पीएम ने मंगलावर शाम को की थी घोषणा
आपको बता दें कि मंगलवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 500 और 1000 के नोट पर बैन की बात कही थी। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने कहा था कि ब्लैक मनी पर प्रहार करने के लिए 1000 के नोट बंद होंगे जबकि 500 के नोट बदले जाएंगे। पीएम ने 1000 और 500 रुपये के मौजूदा करंसी नोटों को 8 नवंबर की रात 12 बजे से बंद करने का ऐलान किया।
पीएम मोदी ने कहा था कि 500 और 1000 रुपये के करैंसी नोट कानूनी रूप से मान्य नहीं रहेंगे। पीएम मोदी ने इस बैन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि हम जाली नोटों और करप्शन के खिलाफ जो जंग लड़ रहे हैं, इससे उस लड़ाई को ताकत मिलेगी।
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