आरबीआई गवर्नर की कांग्रेस को दो टूक, बोले सरकार चाहे तो हटा सकती है मुझे
उन्होंने स्विटजरलैंड के सैंट गैलन सिंपोजियम में यह बात कही. राजन से पूछा गया था कि रिजर्व बैंक के गवर्नर के रुप में उन्हें कितनी आजादी तथा वास्तविक शक्ति मिली हुई है। इस पर उन्होंने कहा, मैं मौद्रिक नीति तय करता हूं। सरकार मुङो हटा सकती है।
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सरकार मौद्रिक नीति तय नहीं करती, तो इस लिहाज से मैं स्वतंत्र हूं। मुङो सरकार से बात कर खुशी है। मुङो सरकार की बात सुनने में खुशी है लेकिन अंतत: जो ब्याज दर तय होती है वह मैं तय करता हूं। इस कार्य्रकम का प्रसारण ब्लूमबर्ग टीवी पर हुआ।
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राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंक, वित्त मंत्रालय के साथ काम करता है और उनकी वित्त मंत्री से नियमित बातचीत होती है। उन्होंने कहा, हम मौद्रिक नीति पर नियंत्रण करते हैं। भारत में ऐसा होता है कि जब हम कुछ बडा करना चाहते हैं तो हम सरकार को बताते हैं कि हम यह करना चाहते हैं और सरकार आमतौर पर सहयोगी होती है।हम एक दूसरे से बात करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि भारत 7-8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर की राह पर लौटेगा।
मोदी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह शेष 42 संसदीय क्षेत्रों में केंद्रीय बलों को तैनात करे जहां 12 मई को आखिरी चरण का चुनाव होना है और कहा कि क्यों न केंद्रीय बलों को तैनात किया जाए ताकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव और कानून व्यवस्था सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘12 मई को चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसे लोग चुनाव लड रहे हैं जो कानून में विश्वास नहीं करते हैं! मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करता हूं कि आप अंपायर बन जाएं और मैं 16 मई को आपकी प्रशंसा करुंगा। केंद्रीय बलों को तैनात किया जाए और कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए राज्य पर निर्भर नहीं रहे ताकि गलती दोहराई न जाए।''
सियासी गर्माहट के बीच आरबीआई गवर्नर के अचानक आए इस बयान का तमाम लोग अलग-अलग अर्थ निकाल रहे हैं। विरोधियों ने तो इसे कांग्रेस की वित्तीय नीतियों पर कमजोरी का मुद्दा ढूंढ लिया है।