मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को संगठित लूट बताया, जवाब तो मिलना ही था- रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और मनमोहन सिंह पर बोला बड़ा हमला, बोले नोटबंदी को संगठित लूट कहने वाले पीएम को इसका जवाब मिलना ही था
नई दिल्ली। संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से ही देश को लूटने का काम किया है और उन्हें अपनी आलोचना पसंद नहीं है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि खुद राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह का अपमान किया और जिस वक्त वह अमेरिका जाने की तैयारी कर रहे थे उस वक्त राहुल गांधी ने उनके अध्यादेश को सबके सामने फाड़कर उनका अपमान किया। मनमोहन सिंह पर रेनकोट वाले बयान का बचाव करते हुए रविशंकर ने कहा कि पीएम के व्यंग पर मनमोहन सिंह जी तिलमिला गए थे लेकिन नोटबंदी जोकि कालाधन के खिलाफ बड़ी लड़ाई थी और उसे उन्होंने संगठित लूट बताया था इसका तो जवाब तो मिलेगा।
कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ क्या किया?
रविशंकर प्रसाद ने तमाम पूर्व के प्रधानमंत्रियों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने प्रधानमंत्रियों के साथ जो किया वह आप सबको पता है। उन्होंने कहा कि पीवी नरसिम्हाराव, चौधरी चरण सिंह, इंद्र कुमार गुजराल के साथ जो कुछ भी कांग्रेस ने किया है वह सबके सामने है। कांग्रेस ने अपने पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी के साथ क्या किया वह सबको पता है, उन्हें जबरदस्ती उनके पद से हटाया गया और इस बात को खुद को सीताराम ने कहा था कि उनके नेमप्लेट को जबरदस्ती हटाया गया।
अपने
गुरु
का
सम्मान
नहीं
बचा
सके
मनमोहन
सिंह
पूर्व
प्रधानमंत्री
मनमोहन
सिंह
पर
पलटवार
करते
हुए
रविशंकर
प्रसाद
ने
कहा
कि
पीवी
नरसिम्हाराव
मनमोहन
सिंह
के
गुरु
थे
और
उनके
साथ
मिलकर
उन्होंने
देश
की
अर्थव्यवस्था
में
अहम
भूमिका
निभाई
थी,
लेकिन
जब
उनका
निधन
हुआ
तो
अपने
गुरु
के
सम्मान
के
लिए
वह
कुछ
नहीं
कर
सके।
राव
के
शव
को
कांग्रेस
के
मुख्यालय
में
नहीं
लाने
दिया
गया,
उस
वक्त
खुद
मनमोहन
सिंह
प्रधानमंत्री
थे
और
वह
उन्हें
सम्मान
देने
के
लिए
कुछ
भी
नहीं
कर
सके।
कांग्रेस
को
आलोचना
बर्दाश्त
नहीं
मैंने
23
नेताओं
का
पोस्टल
निकाला
था,
लेकिन
इंदिरा
जी
जब
सरकार
थी
तो
उन्होंने
इन
लोगों
को
पोस्टल
निकालने
से
रोका
था।
यह
पीड़ा
की
बात
है
कि
कांग्रेस
पार्टी
का
पूरा
स्वभाव
परिवार
भक्ति
में
है।
मनमोहन
सिंह
की
भी
उपयोगिता
है,
उनकी
भी
उपयोगिता
जल्द
खत्म
होगी।
कांग्रेस
पार्टी
को
बहुत
परेशानी
है
और
ईमानदारी
से
मानने
लगी
है
कि
देश
को
चलाने
का
मान्य
अधिकार
सिर्फ
उनके
पास
है,
या
तो
प्रत्यक्ष
या
फिर
अप्रत्यक्ष।
लेकिन
अगर
उसपर
कोई
दूसरा
बैठ
जाए
तो
इसे
स्वीकारने
में
कांग्रेस
को
कठिनाई
हो
रही
है।
रविशंकर
प्रसाद
ने
कहा
कि
हम
सभी
ईमानदारी
से
काम
करते
हैं
और
अपने
विरोध
का
सम्मान
करते
हैं।
12
साल
गुजरात
के
मुख्यमंत्री
के
रुप
में
नरेंद्र
मोदी
पर
जितने
प्रायोजित
आरोप
लगाए
गए
उसकी
कभी
मिशाल
नहीं
मिलती।
कांग्रेस
पार्टी
आलोचना
से
घबरा
गई
है।
भारत
रत्न
देने
में
भेदभाव
अगर
1991
में
परिवार
का
ही
कोई
प्रधानमंत्री
होता
तो
यह
नहीं
हो
पाता।
यह
तो
कांग्रेस
का
इतिहास
है,
ये
तो
इन
लोगों
ने
अपने
नेताओं
के
साथ
किया।
रविशंकर
प्रसाद
ने
कहा
कि
डॉ
मौलाना
आजाद
1959
में
मरे
लेकिन
उन्हें
भारत
रत्न
1992
में
मिला,
सरदार
पटेल
1950
में
मरे
थे
लेकिन
उन्हें
भारत
रत्न
1991
में
मिला,
डॉ
अंबेडकर
का
निधन
1956
में
हुआ
था
लेकिन
उन्हें
भारत
रत्न
1990
में
मिला।
यह
सब
तभी
हो
सका
जब
देश
में
परिवार
का
प्रधानमंत्री
नहीं
था।