फिर आया पाक रमजान का महीना
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला)कल मतलब बुधवार को चांद नही दिखा इसका मतलब यह हुआ कि खत्म होने वाला महीना 30 दिनों का है और इस तरह माहे रमज़ान वृहस्पतिवार से प्रारंभ ना होकर शुक्रवार से प्रारंभ होगा।
रमजान के मद्देनजर देशभर में मुसलमानों में उत्साह का माहौल है। दिल्ली, मुंबई, लखनऊ वगैरह में रमजान को देखते हुए बाजारों में रौनर शुरू हो गई है। मुसलमान इस पाक महीने का सारे साल इंतजार करते हैं। [रमज़ान के दौरान रोजा के नियम बदलेंगे मुसलमान!]
रोजा मलतब बंदिश
इस्लाम धर्म के विद्वान मोहम्मद जाहिद कहते हैं कि रोज़ा मतलब बंदिश (मनाही)। सिर्फ खाने पीने की बंदिश नहीं है बल्कि हर उस बुराई से दूर रहने की बंदिश है जो इस्लाम में मना है। [महोबा में एम्स की मांग को लेकर रमज़ान में रोज़ा रखेंगे हिंदू]
खानपान की बंदिश
सूर्योदय के पूर्व से लेकर सूर्यास्त तक तो कुछ भी खाने पीने की बंदिश होती ही है, यह इसलिए भी है कि भूखे और प्यासे लोगों की तकलीफ क्या होती है वह महसूस करो, हर पैसे वाला सेठ हो या शहंशाह यह महसूस करे कि जिसे खाना नहीं मिलता उसे भूख कैसे लगती है या जिसे पानी नहीं मिलता है उसकी ज़बान और हलक सूख कर कैसे उसके शरीर में तड़प पैदा करती है।
वह तड़प कैसी होती है यह एहसास हो जिससे किसी भूखे या प्यासे को देखो तो उसकी तकलीफ़ का एहसास खुद को हो और तुंरत उसकी मदद कर सको, खाना खिला सको पानी पिला सको, उस गरीब की मदद कर सको, और तब जब उसकी तकलीफ़ का एहसास होगा तो यह करना अधिक आसान हो जाएगा ।
रोजा का मतलब
रोज़ा केवल भूखे प्यासे रहने का ही नाम नहीं बल्कि नब्ज़ को व्यवस्थित और शुद्धि करने का नाम है और हर वर्ष 30 दिन अपनी आत्मा को शुद्ध करके हम शेष 11 महीने इसी जीवन को जीने की ट्रेनिंग पाते हैं।