राष्ट्रपति चुनाव के लिए रामनाथ कोविंद ने किया नामांकन, मोदी-आडवाणी-जोशी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रामनाथ कोविंद को समर्थन करने के बाद विपक्ष में पड़ी फूट से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि एनडीए का उम्मीदवार निर्विरोध इस पद के लिए चुना जाएगा।
नई दिल्ली। एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और भाजपा अध्यक्ष समेत पार्टी के कई दिग्गज नेता मौजूद थे। कई राज्यों के सीएम भी इस दौरान मौजूद रहे। चुनाव के नतीजे 20 जुलाई को घोषित किए जाएंगे।
'राष्ट्रपति का पद, दलगत राजनीति से ऊपर'
नामांकन भरने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे देश में संविधान सर्वोपरी है और सीमा पर सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति का पद, दलगत राजनीति से ऊपर है और अगर मैं राष्ट्रपति बनूंगा तो इसकी गरिमा को बनाए रखने का हरसंभव प्रयास करुंगा। कोविंद ने कहा कि मैं उन सभी लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मुझे समर्थन दिया है।
रामनाथ से मुकाबले को मीरा कुमार
विपक्ष ने एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से मुकाबले को पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को मैदान में उतारा है। मीरा कुमार 27 जून को नामांकन दाखिल करेंगी। नामांकन करने के अंतिम तारीख 28 जून है। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रामनाथ कोविंद को समर्थन करने के बाद विपक्ष में पड़ी फूट से यह कयास लगाए जा रहे थे कि एनडीए का उम्मीदवार निर्विरोध इस पद के लिए चुना जाएगा। हालांकि मीरा कुमार के आने के बावजूद रामनाथ कोविंद की जीत तय मानी जा रही है।
चुनाव के बीच आरजेडी-जेडीयू में खटास
इस बीच बिहार में आरजेडी और जेडीयू गठबंधन मुश्किल में पड़ता दिखाई दे रहा है। जिस तरह से जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया है, इसको लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव खासे नाराज नजर आ रहे हैं। उन्होंने बिहार के सीएम और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है।
ऐतिहासिक गलती ना करें नीतीश
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ये बातें विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद कही हैं। उन्होंने कहा कि मैं शुक्रवार को नीतीश कुमार से मिलूंगा और उनसे इस फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहूंगा। लालू यादव ने कहा कि मैं उनसे कहूंगा कि वो ये ऐतिहासिक गलती नहीं करें। उनका फैसला गलत है।