जब कोई झींगे के दो पीस खाता है तो उसे चार क्यों दिए जाएं: रामविलास पासवान
पासवान ने खाने की बर्बादी को रोकने को लेकर फूड इंडस्ट्री के साथ एक बैठक बुलाई है, जिसमें चर्चा की जाएगी कि होटल्स और रेस्टोरेंट में परोसे जाने वाले भोजन में खुराक की सीमा कैसे तय की जाए।
नई दिल्ली। होटल और रेस्टोरेंट में खाने की बर्बादी को लेकर केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने चिंता जाहिर की है। पासवान का कहना है कि हमारी सरकार इस दिशा में सोच रही है कि जिसको जितना खाने की जरूरत हो, उतना ही खाए और खाना बर्बाद ना किया जाए। उन्होंने खाद्य आपूर्ति मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस को लेकर एक रूपरेखा की जाए, ताकि इसे लागू किया जा सके।
पासवान ने इसको लेकर फूड इंडस्ट्री के साथ एक बैठक बुलाई है, जिसमें चर्चा की जाएगी कि होटल्स और रेस्टोरेंट में परोसे जाने वाले भोजन में खुराक की सीमा क्या तय की जाए कि खाने की बर्बादी रुके। रामविलास पासवान का कहना है कि अगर दो झींगे खाकर किसी का पेट भर जाता है तो उसे चार झींगे क्यों परोसे जाएं। ये तो भोजन और पैसा दोनों की बर्बादी है। पासवान ने कहा कि भारत जैसे गरीब मुल्क में जहां लोग भूखे रहते हैं, वहां खाने की बर्बादी इस तरह से ठीक नहीं है। इसलिए हमने कंज्यूमर के हित में यह कदम उठाया है.
रामविलास पासवान ने कहा कि इसके लिए किसी कानूनी प्रावधान को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि फूड इंडस्ट्री के लोग वो स्वेच्छा से तय करें कि एक आदमी को भोजन के किस चीज की कितनी मात्रा दी जाएगी हालांकि पासवान ने साफ किया कि इस पर वो कोई सरकारी नियंत्रण नहीं तय कर रहे हैं।
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