इन 2 विधायकों ने आधी रात को उड़ा दी मोदी-शाह की नींद
गुजरात की तीन सीटों के लिए मंगलवार को वोट डाले गए। मैदान में तीन बड़े नाम थे- अमित शाह, स्मृति इरानी और सोनिया गांधी के राइट हैंड अहमद पटेल।
नई दिल्ली। गुजरात की तीन सीटों के लिए मंगलवार को वोट डाले गए। मैदान में तीन बड़े नाम थे- अमित शाह, स्मृति इरानी और सोनिया गांधी के राइट हैंड अहमद पटेल। अमित शाह और ईरानी की जीत तो पहले से ही तय मानी जा रही थी, लेकिन अहमद पटेल की जीत का गणित पहले ही गड़बड़ा गया था।
चुनाव आयोग ने सुनाया बड़ा फैसला
अमित शाह ने एक झटके में कांग्रेस के तीन विधायकों को राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी पार्टी में शामिल करा दिया था। रही-सही कसर कांग्रेस के बागी शंकर सिंह वाघेला ने पूरी कर दी। उन्होंने राज्यसभा में न केवल खुद कांग्रेस के खिलाफ वोट दिया बल्कि उनके गुट के दो कांग्रेसी विधायकों ने भी अहमद पटेल के खिलाफ वोट दिया। इन दोनों विधायकों के नाम हैं- भोला भाई गोविल और राघवजी भाई पटेल। इन विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में वोट डालकर पहले सोनिया गांधी को धोखा दिया। यहां तक तो बीजेपी के लिए सब ठीक था, लेकिन मंगलवार रात को चुनाव आयोग ने इन दोनों विधायकों के वोट रद्द कर दिए। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की आधी रात को नींदें उड़ गईं, क्योंकि दो विधायकों के वोट रद्द होने से अहमद पटेल की जीत की संभावनाएं बढ़ गईं और नतीजा भी अहमद पटेल के पक्ष में गया। मंगलवार की रात चुनाव आयोग के दंगल में कांग्रेस-बीजेपी ने कैसे-कैसे दांव-पेंच चले।
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7 घंटे चला कांग्रेस-बीजेपी के बीच चुनावी युद्ध
गुजरात की तीनों सीटों के लिए मंगलवार को वोट डाले गए। वोटिंग के बीच शंकर सिंह वाघेला का बयान मीडिया का सुर्खियों में रहा। उन्होंने कहा कि अहमद पटेल को वोट देता तो मेरा वोट बेकार चला जाता। वाघेला ने वोट देने के बाद भाजपा के एजेंट को अपना वोट दिखा दिया, जिसके बाद कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद वाघेला गुट के दो कांग्रेस विधायक राघवजी पटेल और भोला भाई गोविल ने भी अपने गुरु यानी वाघेला के नक्शेकदम पर चलते हुए बीजेपी के पक्ष में वोट डाला और बीजेपी के ही एजेंट को अपना वोट दिखाया। बस यहीं से कांग्रेस बिफर गई और गुजरात की लड़ाई दिल्ली स्थित चुनाव आयोग के दफ्तर आ पहुंची। कांग्रेस ने इन विधायकों के वोट रद्द करने की मांग कर दी। इसके बाद बीजेपी ने अपने बड़े-बड़े नेताओं को चुनाव आयोग के दफ्तर भेजा।
कांग्रेस के विधायकों ने बीजेपी एजेंट को क्यों दिखाया वोट
राज्यसभा चुनाव में जब विधायक वोट डालते हैं तो रिटर्निंग अफसर के अलावा दोनों दलों के एजेंट भी बैठते हैं। विधायक वोट डालने के बाद अपनी पार्टी के एजेंट को अपना वोट दिखाते हैं, लेकिन कांग्रेस के दोनों विधायकों ने बीजेपी एजेंट को वोट दिखाया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उन्होंने बीजेपी को वोट दिया था।
कांग्रेस ने जारी कर दिया व्हिप
हर पार्टी एक व्हिप जारी करती है, जिसके मुताबिक वोट देने वाले को अपने ही पार्टी के उम्मीदवार को वोट देना होता है। राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने भी व्हिप जारी किया था, लेकिन उनकी पार्टी के विधायकों ने विपक्षी दल को वोट दिया। इसी प्रकार से गुजरात में जेडीयू के विधायक छोटू भाई वसावा को बीजेपी को वोट देना था, लेकिन उन्होंने अहमद पटेल को वोट दे दिया। माना जाता है कि उन्होंने शरद यादव के कहने पर पटेल को वोट दिया है।
182 विधायक गुजरात में
गुजरात विधानसभा सदस्यों की संख्या 182 विधायकों की है। कांग्रेस के 6 सदस्यों के इस्तीफे के बाद संख्या 176 तक सीमित रह गई। इसमें कांग्रेस के दो बागी विधायकों का वोट चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया। विधानसभा में भाजपा के 121,कांग्रेस के 51, NCP के 2, जदयू से 1 और 1 विधायक निर्दलीय हैं। नतीजों में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को 46, स्मृति ईरानी को 45 और कांग्रेस नेता अहमद पटेल को 44 वोट मिले। वहीं अहमद पटेल के खिलाफ उतरे बलवंत सिंह राजपूत को 38 वोट मिले।