राजनाथ सिंह के लिये अनुच्छेद 370 नहीं पंचायती राज है चुनावी मुद्दा
जम्मू। लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाना भाजपा का एक अहम चुनावी मुद्द था। केंद्र में सरकार बनने के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बयान देकर कहा था कि वह अनुच्छेद 370 पर बहस चाहते हैं। लेकिन बयान पर विवाद के बाद मामला ठंड़े बस्ते में चला गया। वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जम्मू-कश्मीर चुनाव में अनुच्छेद 370 को चुनावी मुद्दा नहीं बनाने को कहा है।
गृहमंत्री
ने
कहा
कि
अनुच्छेद
370
को
हटाना
एक
राष्ट्रीय
मुद्दा
है,
जिसे
विधानसभा
चुनाव
में
वोट
के
लिए
इस्तेमाल
नहीं
किया
जाना
चाहिए।
उन्होंने
कहा
कि
जब
तक
राष्ट्रीय
स्तर
पर
इस
मुद्दे
का
बहस
नहीं
हो
जाती
इस
विषय
पर
बहस
नहीं
होनी
चाहिए।
हां
राजनाथ
ने
73वें
संवैधानिक
संशोधन
अनुच्छेद
को
लागू
करने
की
बात
जरूर
कही,
जिसके
अंतर्गत
पंचायती
राज
को
संवैधानिक
दर्जा
दिया
जा
सकेगा।
राजनाथ ने कहा कि अगर भाजपा की सरकार राज्य में आयी, तो राज्य की पंचायतों को संवैधानिक दर्जा दिलाया जायेगा।
राजनाथ सिंह ने किश्तवाड़ के सुदूर पद्दार क्षेत्र में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 एक राष्ट्रीय मुद्दा है, जोकि बहस योग्य है। इस पर बीजेपी का रूख स्पष्ट है। विधानसभा चुनाव के दौरान इस मुद्दे को उठाने की कोई जरूरत नहीं है।
कश्मीर में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 पर कभी भी चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इस चुनाव में भाजपा का मुख्य मुद्दा सुशासन और विकास है।
वहीं शर्णार्थियों का जीवन जीने को मजबूर कश्मीरी पंडितों को राजनाथ ने उनका हक दिलाने की बात कही। वहीं गुलाम कश्मीर से आए शरणार्थियों को भी समान हक देने के लिए राष्ट्रीय शरणार्थी पुनर्वास नीति बनाने का गृहमंत्री ने ऐलान किया।