'द ग्रेट रेलवे' घोटाला: 1 मिनट में दलालों के लिए बुक होती है 4000 सीटें
नयी दिल्ली। आप भले ही सुबह रेलवे की टिकट बुकिंग खिड़की पर क्यों ना खड़े हो जाए, लेकिन काउंटर खुलने के फौरन बाद भी आपको कंफर्म्ड टिकट नहीं मिल पाती है। आप भले ही रेलवे की वेबसाइट खोलकर ही क्यों ना बैठ जा, लेकिन आप मन छोटा कर दी वहां से उठते है, लेकिन क्या आपने कभी इसके बारे में सोचा है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि टिकट काउंटर खुलने के फौरन बाद भी आपको कंफर्म टिकट क्यों नहीं मिलती? वहीं टिकट एजेंट आपको अपनी पसंद का तारिख में मनचाहे ट्रेन में टिकट दे देता है। अगर नहीं तो जरा इस खबर को पढ़िए।
इस बात का खुलासा रेलवे ने कर दिया है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक रेलवे ने वह कारण पकड़ लिया है जिसकी वजह से हजारों लोग सुबह टिकट नहीं बुक करवा पाते थे। दरअसल इसके पीछे रेलवे के कुछ कर्मचारियों और टिकट एजेंटों की मिलीभगत है।
प्लेटफॉर्म टिकट का इतिहास उससे जुड़े रोचक तथ्य
रेल मंत्रालय की आंतरिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि सुबह आठ बजे कंप्यूटर रिजर्वेशन सिस्टम खुलने के 1 मिनट के भीतर ही दलाल 4000 कंफर्म टिकटों बुक करा लेता है। ये दलाल इसके लिए उंची कीमत अदा करते हैं और बाद में इन टिकटों को उंची कीमतों पर जरूरतमंद रेल यात्रियों को बेच देते हैं। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि दलाल कोई टिकट एक दिन पहले खरीद लेते हैं और अगले दिन वे टिकट का डिटेल बदलवा भी लेते हैं।
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रेलवे को इस बारे में सूचना मिली थी कि बुकिंग कर्ल्क और दूसरे कर्मचारियों की मिलीभगत की वजह से ये धांधली चल रही है। अब जब कि खुलासा हो गया तो रेलवे अब इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है।