अगर रेलवे ने सुनी होती इस यात्री की बात तो बच जाती 91 लोगों की जानें
अगर ट्रेन में मौजूद रेलवे के अधिकारियों ने इस यात्री की बात सुन ली होती तो आज 91 लोगों की जिंदगियां बच जाती।
उज्जैन। इंदौर से पटना जा रही इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। भयानक हादसे में 91 लोगों की जिंदगियां खत्म हो गई, जबकि 200 लोग घायल हो गए। कोई अनाथ हो गया तो किसी की कोख सुनी हो गई। लेकिन अगर रेलवे ने उसी ट्रेन में सवार एक यात्री की बात को गंभीरता से सुनी होती तो आज 91 जिंदगियां मौत के बजाए अपने-अपने गंतव्य पर पहुंच चुकी होतीं।
रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन में सफर कर रहे प्रकाश शर्मा की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया। अगर उनकी बातों को रेलवे के अधिकारियों ने गंभीरता से लिया होता तो आज से दर्दनाक हादसा होने से बच जाता। दरअसल, मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के सीतामऊ में रहने वाले प्रकाश शर्मा ने उसी ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त हुए एस-2 कोच में सफर कर रहे थे।
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वो उज्जैन में ट्रेन से उतर गए, लेकिन जब उन्होंने हादसे की बात सुनी तो सन्न रह गए। प्रदेश 18 से बात करते हुए प्रकाश ने बताया कि सफर के दौरान मुझे ट्रेन के पहियों की आवाज कुछ अलग लग रही थी। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि चूंकि मैं उसी ट्रेन में नियमित तौर पर सफर करता हूं, इसलिए मुझे वो आवाज अजीब लग रही थी। पहियों से आने वाले इस आवाज के बारे में उन्होंने कोच में मौजूद टीटी और रेलवे के अधिकारियों को बताया।
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उन्होंने रेलवे के अधिकारियों को बताया कि ट्रेन के पहियो से सामान्य से ज्यादा शोर हो रहा है, लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने उनकी बातों को ध्यान नहीं दिया। रेलवे के अफसरों ने इसे सामान्य बताकर टाल दिया। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे के अफसर ने उनकी बात को गंभीरता से लिया होत को हादसा टाला जा सकता था।
रेलवे के मुताबिक अभी हादसे की वजह का पता नहीं चल सका है। रेलवे ने हादसे के जांच के आदेश दे दिए है। वहीं रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि हादसे के जिम्मेदार लोगों को किसी भी वहाल में बख्सा नहीं जाएगा।