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रेल बजट 2015: तारिखों में भारतीय रेल का इतिहास

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नयी दिल्ली। भारतीय रेल का इतिहास 168 साल पुराना है। इसकी शुरूआत भारत में अंग्रेजों के शासन काल से हुई। भारतीय रेलवे ने सबसे पहली ट्रेन 18वीं सदी में चलाई गई थी। पहली रेल 16 अप्रैल 1853 को बंबई के बोरी बंदर स्टेशन से ठाणे के बीच चलाई गई थी। इस ट्रेन में लगभग 400 यात्रियों ने सफर किया था।

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भाप इंजन

भारत की पहली ट्रेन भाप इंजन से चलने वाली ट्रेन थी। यह रेल मालगाडी थी। शुरू में तो यह मानव शक्ति से खींची जाती थी, लेकिन बाद में भाप का इस्तेमाल होने लगा था। ये ट्रेन रुड़की में चलाई गई थी। जबकि बोरी बंदर स्टेशन से ठाणे के बीच चलने वाली ट्रेन सवारी गाड़ी थी।

steam engine

भारतीय रेल को आधिकारिक पहचान

पहली रेल 16 अप्रैल 1853 को बंबई के बोरी बंदर स्टेशन से ठाणे के बीच चलाई गई थी। पहली ट्रेन ने लगभग 34 किलो मीटर लंबे रेलखंड पर सफर तय किया था। 1855 का ‘फेयरी क्वीन' इंजन आज भी ट्रैक पर दौड़ रहा है। हरियाणा के रेवाड़ी में एक लोको शेड तैयार किया गया, जहां 10 से अधिक भाप इंजन को संजो कर रखे गए हैं।इस ट्रेन में 14 कोच लगे थे, जिसे लोकोमोटिव सुल्तान, सिंधु और साहिब नाम के इंजन खींच रहे थे।

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डीजल इंजन

भाप इंजन में आने वाली परेशानियों से बचने के लिए रेलवे ने भाप के बजाए डीजल इंजन की पहल शुरु कर दी। डीजल इंजन के इस्तेमाल के साथ 88 फीसदी ईधन का बचत होनी लगी। वहीं ट्रेन की स्पीड भी बढ़ गई। ऐसे में समय और धन होने की बचत होनी लगी।

इलैक्ट्रानिक इंजन

1904 में रेलवे में इलैक्ट्रानिक इंजन की प्रपोजल रेलवे के सामने आया। वहीं 3 फरवरी 1925 को मुंबई से कुर्ला के बीच 16 किमी की लाइन पर ईएमयू रेल चलाई गई। धीरे-धीरे इसका विस्तार कर मुंबई, चैन्नई, दिल्ली, कोलकाता, पूणे, हैदराबाद और बैंगलुरु में किया गया।

हाईस्पीड रेलवे इंजन

जुलाई 2014 में भारत की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की शुरुआत की गई। पहली हाईस्पीड ट्रेन का ट्रायल आगरा से दिल्ली के बीच किया यगया। आगरे से दिल्ली की दूरी महज 90 मिनट में तय की गई। माना जा रहा है कि 2015 में इस हाई स्पीड ट्रेन को पूरी तरह से चलने के लिए तैयार कर लिया जाएगा। गतिमान एक्सप्रेस के नाम से ये ट्रेन 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। फिलहाल भोपाल शताबिदी ट्रेन बारत की सबसे तेज रफ्तार की ट्रेन है। जिसकी रफ्तार 150 किमी प्रति घंटा है।

तारिखों में भारतीय रेलवे

  • विश्व का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है भारतीय रेल
  • 16 अप्रैल 1853 के दिन मुंबई ठाणे के बीच देश की प्रथम ट्रेन चली थी
  • 26 जनवरी 1950 के दिन बंगाल के चितरंजन मे ब्रोड्गोटिव फेकटरी का उदघाटन
  • 1 नवंबर 1950 के दिन देश का प्रथम स्टीम एंजिन बना
  • देश का प्रथम एलेक्ट्रिक एंजिन 1961 मे बना था
  • डीजल एंजिन बनाने की फेकटरी वाराणसी मे 1961 मे चालू हुई थी
  • 1972 मे स्टीम एंजिन को बंद कर दिया गया
  • मात्र 21 km के रूट से चालू की गई रेल आज 115000 km पर दौड़ रही है
  • 7500 स्टेशन है ,65000 किलोमीटर के रूट पर 115000 किलोमीटर का रेल नेटवर्क
  • दिसंबर 2012 के मुताबिक रोज 25 मिलियन यात्रिने मुसफ़री की थी
  • जब की साल के 9 अब्ज लोग रेल से मुसफ़री करते है
  • 8900 मिलियन यात्रियो को रेल ने एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाया था
  • 2.8 मिलियन टन चीजों को रेल रोज एक जगह से दूसरे जगह पहुँचती है
  • 2011-12 मे रेल को 104278.79 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी
  • यात्री टिकट से रेल ने 2011-12 मे 28645.92 करोड़ रुपये कमाए थे
  • 31 मार्च 2012 के मुताबिक 22224 किलोमीटर इलेक्ट्रिक मार्ग कर दिया गया है
English summary
As the Railway Budget 2015 was presented by the Railway Minister Suresh Prabhu, we take a look at the history of Indian Railways from steam to modern-day trains.
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