जानिए रेल बजट के दौरान कब-कब लगे जोर-जोर के ठहाके
नयी दिल्ली। रेल बजट के दौरान ठहाकों का चलन सा चल पड़ा है। इस बार भी बजट के दौरान ऐसा ही देखने को मिला। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल बजट शुरु करते ही अपने ही नाम का चुटकुला कहा तो पूरा सदन ठहाकों की गूंज से भर गया। रेल मंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता वे सेक्शन हैं जहां भीड़ ज्यादा है। लेकिन मैंने सोचा हे प्रभु ये कैसे होगा। प्रभु ने कोई जवाब नहीं दिया तो इस प्रभु ने सोचा कि हम ही कुछ क्यों नहीं कर सकते।
इसके अलावा रेल मंत्री के बजट भाषण में और भी कई ऐसी बातें थी जिनका सदन में मौजूद सदस्यों ने जमकर मजा लिया। रेल मंत्री ने एक जगह कहा कि 'ट्रेनों और अपर बर्थ के लिए सीढ़ियों को सुधारा जाएगा और मिडल बर्थ को मेरे जैसे बूढ़ों और महिलाओं के लिए रिजर्व किया जाएगा।' पश्चिम बंगाल के लिए हाई स्पीड कॉरिडोर के ऐलान पर भी उन्होंने चुस्की ली। प्रभु ने कहा, 'दिल्ली और कोलकाता के बीच हाई स्पीड कॉरिडोर बनाया जाएगा ताकि पश्चिम बंगाल के मेरे दोस्त तेज यात्रा कर सकें।'
कविताओं के प्रति अपने प्यार के लिए जाने जाने वाले रेल मंत्री ने अपने बजट का अजेंडा बताने के लिए कविता का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, 'कुछ नया जोड़ना होगा, कुछ पुराना तोड़ना होगा। कुछ इंजन बदलने होंगे, कुछ रिपेयर करने होंगे।'