विदेश से लौटते ही बरसे राहुल गांधी, पूछा क्या देश को सिर्फ मोदी और भागवत चलाएंगे?
राहुल गांधी ने दिल्ली में जनवेदना सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर बोला हमला, बोले अपने वायदों को पूरा करने में पीएम पूरी तरह से विफल रहे।
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में जनवेदना सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक के बाद दूसरे मुद्दों पर कूदते हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें। राहुल ने नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कई मुद्दों पर नरेंद्र मोदी को जमकर घेरा। राहुल यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि मीडिया आजकर खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं, मीडिया दिल से खुलकर नहीं बोलते हैं।
मीडिया
को
डर
लगता
है
जब
मनमोहन
सिंह
और
चिंदबरम
वित्त
मंत्री
थे
तो
मीडिया
खुलकर
बोलती
थी,
वह
दिल
से
खुलकर
नहीं
बोलते
हैं।
मीडिया
वाले
मेरे
पास
आते
हैं
कहते
हैं
कि
भैया
डर
लगता
है,
ये
नौकरी
चली
जाएगी,
ये
फोन
आ
जाएगा,
आप
हमारी
बात
समझ
जाएगी।
हम
आपकी
बात
समझते
हैं,
आपको
कष्ट
नहीं
पहुचाना
चाहते
हैं,
लेकिन
आपकी
भी
जिम्मेदारी
है।
ऑटोमोबाइल
सेक्टर
मे
60
फीसदी
गाड़िया
कम
बिकी
हैं,
पिछले
16
सालों
में
गाड़ियों
की
बिक्री
में
जबरदस्त
गिरावट
आई
है।
नोटबंदी
ने
अर्थव्यवस्था
की
कमर
तोड़
दी
भारत
के
अर्थशास्त्रियों
की
छोड़
दीजिए,
दुनिया
को
जिसने
नोटबदी
का
कॉसेप्ट
दिया
उसने
कहा
कि
नरेंद्र
मोदी
ने
इसको
समझा
ही
नहीं।
नोटबंदी
एक
बहाना
है,
नरेंद्र
मोदी
जी
को
पता
लग
रहा
है
कि
वह
योगा
के
पीछे,
मेक
इन
इंडिया
के
पीछे,
स्किल
इंडिया
के
पीछे
नहीं
छिप
पाएंगे
औऱ
जब
उन्हें
घबराहट
हुई
तो
उन्होंने
अपने
होम
मेड
इकॉनोमिस्ट
बाबा
रामदेव
व
भोगले
के
पीछे
छिपने
की
कोशिश
की
औऱ
देश
की
इकोनोमी
को
तोड़
दिया
है।
पद्मासन
नहीं
कर
पाए
पीएम
सफाई
के
बाद
मेक
इन
इंडिया
था,
कनेक्ट
इंडिया
था,
स्टार्टअप
इंडिया
था,
स्किल
इंडिया
फिर
थोड़ा
सा
योगा
किया
इंडिया
गेट
पर।
लेकिन
भाजपा,
आरएसएस
और
कांग्रेस
में
एक
फर्क
है
वह
दिख
जाता
है,
उसे
छिपाया
नहीं
जा
सकता
है।
जब
झाड़ू
लग
रहा
था
तो
भाजपा
के
सभी
नेताओं
ने
झाड़ू
गलत
पकड़ा
था,
योगा
की
तो
बड़ा
सुंदर
लगा,
लेकिन
पद्मासन
नहीं
लगा।
मैं
नोटिस
करता
हूं,
मैंने
देखा
था,
मैंने
भी
योगा
किया
था,
जो
मुझे
योगा
सिखा
रहे
थे
वह
कह
रहे
थे
कि
जो
योग
करता
है
वह
पद्मासन
कर
सकता
है।
2019
में
आएंगे
अच्छे
दिन
ढाई
साल
पहले
नरेंद्र
मोदी
सरकार
में
आए
बोले
सफाई
करुंगा,
सबको
झाड़ू
पकड़ा
दी,
चार
दिन
फैशन
चला
और
भूल
गए।
हम
मीडिया
की
मुश्किल
को
समझते
हैं,
लेकिन
उनके
पास
एक
जिम्मेदारी
है
कि
जो
लोग
गांवों
में
दर्द
को
झेल
रहे
हैं
उसे
वो
लोग
उठाएं।
पीएम
कहते
हैं
कि
अच्छे
दिन
आएंगे,
लेकिन
कब,
अच्छे
दिन
तभी
आएँगे
जब
काग्रेस
2019
में
सरकार
में
आएगी।
पीएम
एक
मुद्दे
से
दूसरे
मुद्दे
पर
कूदते
रहते
हैं,
कभी
सर्जिकल
स्ट्राइक
कभी
नोटबंदी,
पिछले
सात
सालों
में
उतनी
बेरोजगारी
कभी
नहीं
थी
जितनी
आज
है,
पीएम
को
सोचना
चाहिए
कि
मोटर
सेल
60
फीसदी
गिर
गई।
आखिर
क्यों
लोग
गांवों
की
ओर
भाग
रहे
हैं,
एकदम
से
मनरेगा
में
उछाल
आया
है,
उसी
मनरेगा
की
पीएम
मोदी
आलोचना
करते
थे।