राजन ने फिर की आरबीआई की आजादी की वकालत, कहा- गवर्नर का ओहदा होना चाहिए ऊंचा
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने गवर्नर के ओहदे को और ऊंचा किए जाने के साथ-साथ आरबीआई की स्वतंत्रता की बात कही है।
यह बात रघुराम राजन ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही है। यह रघुराम राजन का बतौर आरबीआई का गवर्नर अंतिम भाषण हो सकता है।
पद की गरिमा के अनुसार ही इस पद की शक्तियां होनी चाहिए
रघुराम राजन ने गवर्नर के पद का ओहदा ऊंचा किए जाने को लेकर कहा कि इस पद की गरिमा के अनुसार ही इस पद की शक्तियां होनी चाहिए। आपको बताते चलें कि जून में ही रघुराम राजन ने दूसरा कार्यकाल न लेने की घोषणा कर दोबारा एकेडिम क्षेत्र में वापस लौट जाने की बात कही थी।
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मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक रघुराम राजन को दोबारा इस पद के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया था। रघुराम राजन का आरबीआई गवर्नर का पद दोबारा न संभालने के पीछे ये एक कारण हो सकता है। आरबीआई के गवर्नर की नियुक्ति के लिए बनाए गए पैनल ने इस पद के लिए आवेदन मांगे थे।
सुनिश्चित और परिभाषित किया जाना चाहिए कि आरबीआई का रोल क्या है
उन्होंने कहा कि एक कारण होता है जिसकी वजह से आरबीआई का गवर्नर दुनिया भर के वित्त मंत्रियों के साथ जी-20 देशों की बैठक में बैठता है।
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उन्होंने कहा कि अब देश में आरबीआई के गवर्नर की रैंक को ऊंचा ओहदा दिए जाने की जरूरत है। देश की अर्थव्यवस्था में आरबीआई गवर्नर का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है और इसको ध्यान में रखा जाना चाहिए।
इस मौके पर उन्होंने आरबीआई की स्वतंत्रता को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से यह सुनिश्चित और परिभाषित किया जाना चाहिए कि आरबीआई का रोल क्या है।