पावर प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ बंगाल में हिंसा, एक की मौत
साल 2013 में किसानों की करीब 13 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। बाद में किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें मार्केट रेट से कम मूल्य पर मुआवजा दिया गया है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में पावर प्रोजेक्ट लिए किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में मंगलवार को हिंसा भड़क उठी। भानगढ़ इलाके में प्रस्तावित इस पावर प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया। घटना में एक शख्स की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उसे जब कोलकाता स्थित एक अस्पताल लाया गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। उसके शरीर पर गोली का एक जख्म था। पुलिस ने किसी तरह की फायरिंग से इनकार किया है और दावा किया है कि प्रदर्शनकारियों ने ही फायरिंग की है।
बीते
साल
अक्टूबर
से
बढ़ी
है
हिंसा
पुलिस
सूत्रों
के
मुताबिक
इस
घटना
में
बाहरी
लोगों
और
माओवादियों
की
मिलीभगत
की
भी
जांच
कर
रही
है।
पुलिस
ने
मरने
वाले
शख्स
की
पहचान
मफीजुल
अली
खान
(26)
के
तौर
पर
की
है।
वह
भानगढ़
का
ही
रहने
वाला
था।
एक
अधिकारी
ने
बताया
कि
उसकी
पीठ
पर
गोली
लगने
का
गहरा
जख्म
मिला
है।
ज्यादा
खून
बहने
की
वजह
से
उसकी
मौत
हो
गई।
24
परगना
जिले
के
एसपी
सुनील
कुमार
चौधरी
ने
बताया,
'पुलिस
की
ओर
से
वहां
फायरिंग
नहीं
की
गई।
प्रदर्शनकारियों
की
ओर
से
की
गई
फायरिंग
और
बमबाजी
में
कई
पुलिसकर्मी
घायल
हुए
हैं।'
भानगढ़
बीते
साल
अक्टूबर
से
काफी
संवेदनशील
बना
है
जब
से
किसानों
ने
पश्चिम
बंगाल
और
बिहार
में
बिजली
सप्लाई
के
लिए
बनाए
जा
रहे
पावर
ग्रिड
सब-स्टेशन
के
निर्माण
का
विरोध
किया।
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दो
सप्ताह
से
काम
ठप
साल
2013
में
किसानों
की
करीब
13
एकड़
जमीन
का
अधिग्रहण
किया
गया
था।
बाद
में
किसानों
ने
विरोध
करना
शुरू
कर
दिया।
किसानों
ने
आरोप
लगाया
कि
उन्हें
मार्केट
रेट
से
कम
मूल्य
पर
मुआवजा
दिया
गया
है।
उन्होंने
प्रोजेक्ट
का
विरोध
किया
और
जमीन
वापस
मांगना
शुरू
कर
दिया।
पावर
स्टेशन
का
काम
दो
सप्ताह
से
ठप
पड़ा
है
लेकिन
बीते
दो
दिनों
से
विरोध-प्रदर्शन
तेज
हुआ
है।
हालात
पर
काबू
पाने
और
मौके
का
निरीक्षण
करने
के
लिए
टीएमसी
के
दो
वरिष्ठ
नेता
अबुर्रद्दाक
मोल्लाह
और
मुकुल
रॉय
को
भेजा
गया
था
लेकिन
वे
प्रभावित
इलाके
तक
पहुंच
ही
नहीं
पाए।
अधिग्रहण
के
विरोध
में
अभियान
की
अगुआई
करने
वाले
कालू
शेख
को
हिरासत
में
लिए
जाने
के
बाद
से
विरोध
प्रदर्शन
तेज
हुआ
है।