कौन हैं लंदन से जयललिता का इलाज करने आए डॉक्टर रिचर्ड
लंदन से जयललिता का इलाज करने लंदन से चेन्नई आए डॉक्टर रिचर्ड जॉन बेल को इंटेंसिव केयर यूनिट का मास्टर माना जाता है।
चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के बारे में सोमवार को लंदन से आए डॉक्टर रिचर्ड जॉन बेल ने एक खास रिलीज जारी की है। इस रिलीज में उन्होंने बताया है कि स्थिति काफी गंभीर है लेकिन अम्मा का सर्वश्रेष्ठ इलाज किया जा रहा है।
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पिछली बार भी आए थे चेन्नई
डॉक्टर रिचर्ड को लंदन से चेन्नई उस समय बुलाया गया जब रविवार को जयललिता को हार्ट अटैक आया। जब वह पहली बार 22 सिंतबर को अस्पताल में भर्ती हुई थीं तो उस समय भी डॉक्टर रिचर्ड आए थे।
डॉक्टर रिचर्ड लंदन के मशहूर डॉक्टर हैं और उनका चेन्नई आना अम्मा के फैंस के लिए एक अच्छी खबर साबित हो सकता है। आखिर कौन हैं डॉक्टर रिचर्ड और उन्हें क्यों चेन्नई बुलाया गया है। आपको बता दें कि जब वह पिछली बार चेन्नई
आए थे तो उन्होंने कहा था कि अम्मा के लिए आने वाले 90 दिन काफी अहम हैं। साथ ही उन्होंने कुछ और टेस्ट्स करने की बात भी कही थी।
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कौन हैं डॉक्टर रिचर्ड
डॉक्टर
रिचर्ड
लंदन
ब्रिज
हॉस्पिटल
वर्तमान
में
क्रिटिकल
केयर
यूनिट
या
सीसीयू
में
कसंलटेंट
इंटेसिविस्ट
हैं।
लंदन
ब्रिज
हॉस्पिटल
यूनाइटेड
किंगडम
का
प्रतिष्ठित
हॉस्पिटल
है
और
इसे
हॉस्पिटल
कॉरपोरेशन
ऑफ
अमेरिका
(एचसीए)
होल्ड
करता
है।
वह
फेफड़ों,
कई
अंगों
के
फेल
होने
और
जनरल
इंटेसिंव
केयर
के
जाने-माने
विशेषज्ञ
हैं।
वह
ब्रिटेन
कई
अस्पतालों
में
बतौर
कंसलटेंट
अपनी
सेवाएं
दे
रहे
हैं।
उन्होंने
सेप्सिस
यानी
घाव
का
सड़ना,
हेमोडायनैमिक
मॉनिटरिंग,
एडवांस्ड
वेंटिलेशन,
नाजुक
तौर
पर
बीमार
लोगों
के
लिए
न्यूट्रीशन
और
इंटेसिव
केयर
इंफॉर्मेटिक्स
में
रिसर्च
की
हुई
है।
उन्होंने
वर्ष
1984
में
लंदन
के
सेंट
बार्थोलोमेव्स
हॉस्पिटल
से
एमबीबीएस
की
डिग्री
हासिल
की
थी।
इसके
बाद
लंदन
के
गाय्स
हॉस्पिटल
से
अनेस्थिेटिक्स
में
जनरल
प्रोफेशनल
ट्रेनिंग
ली।
वर्ष
1990
में
उन्हें
लंदन
के
रॉयल
कॉलेज
ऑफ
अनेस्थिेटिस्ट
में
फेलोशिप
मिली।
वर्ष
1995
में
वह
गाइ
एंड
सेंट
थॉमस
हॉस्पिटल
ट्रस्ट
में
इंटेंसिव
केयर
यूनिट
में
कंसलटेंट
बने।
वर्ष
2000
में
वह
इसकी
एडल्ट
इंटेंसिव
केयर
यूनिट
के
मुखिया
बने।
वर्ष
2005
में
उन्हें
इस
ट्रस्ट
के
पेरिऑपरेटिव
,
क्रिटिकल
केयर
और
पेन
सर्विसेस
के
हेड
बनाया
गया।
सेप्सिस,
एआरडीएस
और
क्लीनिकल
न्यूट्रीशन
में
उन्होंने
बड़ी
संख्या
में
रिसर्च
की
हुई
हैं।
क्या है हेमोडायनैमिक मॉनिटरिंग
हेमोडायनैमिक मॉनिटरिंग वह प्रक्रिया है जिसके जरिए रक्त कोशिकाओं, हृदय और धमनियों में होने वाले खून के दौड़ाव पर नजर रखी जाती है। यह प्रक्रिया ब्लड फ्लो को भी मापती है और साथ ही इस बात पर भी नजर रखती है कि खून में कितनी ऑक्सीजन है।
पेरिऑपरेटिव
किसी भी मरीज की सर्जरी से पहले वाले समय को पेरियोपेरेटिव कहते हैं। इस प्रक्रिया में मरीज का वॉर्ड में एडमिशन, एनेस्थेसिया, सर्जरी और उसकी रिकवरी भी शामिल होती है।
पेरीऑपरेटिव सर्जरी के तीन प्रकारों को परिभाषित करती है-प्रि-ऑपरेटिव, इंट्रा-ऑपरेटिव और पोस्टऑपरेटिव।पेरीऑपरेटिव के जरिए केयर मरीज को सर्जरी से पहले, सर्जरी के दौरान और सर्जरी के बाद बेहतर सुविधाएं और माहौल मुहैया कराया जाता है।