सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी की एंट्री, बनेंगी पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव?
नई दिल्ली। लंबे अरसे से कांग्रेसियों का एक मजबूत तबका सोनिया गांधी से कह रहा है कि मैडम जी.. अब वक्त आ गया है कि प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में कदम रख दें। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हाशिये पर आयी कांग्रेस में हार के बाद तो यह मांग और भी ज्यादा प्रखर हो गई है। इलाहाबाद और कानपुर में तो खुले तौर पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी से मांग कर डाली है कि वो अब प्रियंका को राजनीति में आने की आज्ञा दें।
लेकिन लगता है कि अब कार्यकर्ताओं की यह मांग पूरी होने जा रही है और अप्रैल में प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव बनाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो कांग्रेस में इस बात पर सहमति बन गई है और पार्टी इस बात के लिए जोर-शोर से तैयारी में भी लग गयी है और अगर ऐसा होता है कि गांधी परिवार का सबसे ज्यादा चर्चित चेहरा सक्रिय राजनीति में कदम रख देगा। हालांकि प्रियंका गांधी के दफ्तर ने इस बात का खंडन किया लेकिन कांग्रेस इस मसले पर मौन है।
राहुल का साथ देने के लिए प्रियंका की राजनीति में एंट्री
प्रियंका अभी तक कांग्रेस की स्टार प्रचारक के रूप में ही लोगों के सामने आयी हैं उन्होंने अब तक अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं अपने भाई राहुल गांधी के लिए कैंपन किया है। प्रियंका अमेठी और रायबरेली के अलावा कहीं भी लोगों को संबोधित करते नजर नहीं आयी हैं लेकिन अब अगर वो महासचिव बनती हैं तो उन पर पूरे देश की जनता की नजर होगी।
कांग्रेस की हालत सुधारने के लिए प्रियंका का आना जरूरी
कहा जा रहा है कि चुनावों में कांग्रेस की लगातार होती हार और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्वहीनता से उबरने के लिए पार्टी ने यह फैसला किया है और इसलिए राजनीतिक दिग्गजों का कहना है कि सोनिया गांधी यथास्थिति से वाकिफ हैं और वो गांधी परिवार का वर्चस्व पार्टी पर से खोना नहीं चाहेंगी इसलिए उन्हें प्रियंका की एंट्री को हरी झंडी देनी ही पड़ेगी।
प्रियंका की एंट्री सोनिया की मजबूरी
वैसे जो खबरें आ रही हैं उसके हिसाब से यह प्रस्ताव सोनिया गांधी के सामने कुछ कांग्रेस नेताओं ने रखा है। इस पर अंतिम फैसला गांधी परिवार को ही करना है। बताया जाता है कि राहुल गांधी के छुट्टी से लौटते ही कांग्रेस संगठन में बदलाव की कवायद तेज हो सकती है और प्रियंका गांधी को भी संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
गांधी परिवार के वर्चस्व के लिए प्रियंका का आना जरूरी
गौरतलब है कि राहुल कुछ सप्ताह से छु्ट्टी पर हैं। वह बजट सत्र में भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रियंका के बारे में अंतिम फैसला राहुल के लौटते ही किया जाएगा। हो सकता है कि राहुल पार्टी अध्यक्ष और प्रियंका महासचिव बने।