ओबामा से पहले पुतिन ने खेला कार्ड, अपने रक्षा मंत्री को भेजा भारत
बेंगलुरु। रूस इस समय किस मुसीबत से गुजर रहा है, इसके बारे में हर कोई जानता है। यूक्रेन संकट के बाद से ही अमेरिका और यूरोपियन यूनियन की ओर से रूस पर तमाम तरह की बंदिशें लगा दी हैं। अमेरिका और रूस के बीच मौजूद तनाव भी सारी सीमाओं को पार कर गया है। रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आ रहे हैं। उनकी यात्रा से पहले रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने एक अहम दांव खेला है।
मेक इन इंडिया में हो रूस की भागीदारी
पुतिन ने इस दौरे से ऐन पहले अपने रक्षा मंत्री को भारत भेजा है। रूस भारत का अहम साझीदार रहा है और मुश्किलों में भारत उसकी उम्मीद की किरण है। रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेइ शोइगू बुधवार को एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल के साथ भारत आए। भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर और जनरल सर्गेइ ने दोनों देशों के बीच जारी रक्षा सहयोग और परियोजनाओं का जायजा लिया।
इसी दौरान पार्रिकर ने 'मेक इन इंडिया' नीति के बारे में भी बात की और उन्होंने इसमें रूस की रक्षा कंपनियों और उद्यमियों की हिस्सेदारी पर चर्चा की। यहां पर आपको बता दें कि जब पुतिन दिसंबर में भारत आए थे तो उस दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया पॉलिसी का जिक्र खुलकर किया था।
फ्लाइट एक्सचेंज प्रोग्राम पर बात
रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं ने फ्लाइट सेफ्टी एक्सचेंज इंफॉर्मेशन के समझौते की अदला-बदली पर बात की। दोनों ही नेता रूस और भारत की सेनाओं के बीच वर्ष 2014 में हुई ज्वाइंट एक्सरसाइज को लेकर भी काफी संतुष्ट दिखे।
ब्रह्मोस मुख्यालय का दौरा
रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेइ ने इस दौरान ब्रह्मोस एरोस्पेस मुख्यालय का दौरा किया। ब्रह्मोस एरोस्पेस के जनरल मैनेजर प्रवीन पाठक ने वनइंडिया को जानकारी दी है कि जनरल सर्गेइ ने अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइल के मोबाइल ऑटोनोमस लांचर (एमएएल) की एक झलक ली। एरोस्पेस के सीईओ और एमडी सुधीर मिश्रा की ओर से जनरल सर्गेइ को इसके फीचर्स के बारे में सारी जानकारियां मुहैया कराई गईं।
उपलब्धियों की ली जानकारी
एमएएल पहले ही इंडियन आर्मी का हिस्सा बन चुकी है और साथ ही अब यह इंडियन एयरफोर्स में भी शामिल है। रूस के रक्षा मंत्री को इस दौरान भारत-रूस ज्वाइंट वेंचर की उपलब्धियों के बारे में खास जानकारियां दी गई हैं।
प्रवीन पाठक की ओर से जानकारी दी गई कि हाल के कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच मौजूद साझीदारी में हुई प्रगति के बारे में उन्हें जानकारियां दी गई। साथ ही साथ ब्रह्मोस की अगली पीढ़ी की मिसाइल के डेवलपमेंट से जुड़ी अहम बातों के बारे में भी उन्हें जानकारी दी गई है।
भारत के प्रयासों की सराहना
जनरल सर्गेइ ने सुधीर मिश्रा की अगुवाई में आगे बढ़ रही ब्रह्मोस की टीम के प्रयासों की भी सराहना की। जनरल सर्गेइ ने इस बात पर खासा जोर दिया कि टीम इस मिसाइल के काम को पूरा करने के लिए जो डेडलाइन सेट की गई है, उस पर खरी उतरे ताकि सेनाओं को मिसाइल सही समय पर डिलीवर की जा सके। जनरल सर्गेइ ने ब्रह्मोस सिम्यूलेशन सेंटर का भी दौरा किया।
यहां पर उन्होंने मिसइल के जमीन और हवाई संस्करण के स्ट्राइक प्लानिंग सिस्टम के बारे में जाना। उन्हें इस बारे में भी जानकारी दी गई कि सुखोई-30एमकेआई के साथ ब्रह्मोस के इंटरफेस में क्या प्रगति हो रही है।