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पीएम के भाषण के मुख्य अंश- संविधान वैधानिक नहीं सामाजिक दस्तावेज है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संविधान दिवस के मौके पर संसद में संविधान की महत्ता पर बोलते हुए कहा कि संविधान एक सामाजिक दस्तावेज है नाकि वैधानिक दस्तावेज। प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा साहब के योगदान को कोई भी नहीं भूल सकता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब में दिव्य शक्ति थी जो उन्होंने इस ग्रंथ को रचने में इतनी योग्यता दिखायी।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के मुख्य अंश
- आइडिया ऑफ इंडिया- सर्वधर्म संभाव
- आइडिया ऑफ इंडिया- अहिंसा परमो धरम
- आइडिया ऑफ इंडिया- वैष्णव जनतो तेन न कहिए
- आइडिया ऑफ इंडिया- नारी तू नारायणी
- आइडिया ऑफ इंडिया- जहां नारी विचरण करती हैं वहां भगवान विराजमान होते हैं
-
संविधान
को
बदलना
आत्महत्या
करने
जैसा
होगा।
-
जीवनभर
यातना
झेलने
के
बावजूद
संविधान
बनाने
में
बाबा
साहब
ने
उसे
कहीं
भी
प्रतीत
नहीं
होने
दिया।
-
अगर
संविधान
बनाने
में
बाबा
साहब
नहीं
होते
तो
संविधान
सामाजिक
दस्तावेज
नहीं
बन
पाता।
-
बाबा
साहब
में
सामर्थ्य
था
कि
देश
100
साल
बाद
कैसा
होगा
इसकी
कल्पना
कर
सकें।
-
बाबा
साहब
के
विचार
हर
तबके
के
लिए
कारगर
हो
रहे
हैं।
-
संविधान
अमर
होने
के
लिए
बनाया
गया
था।
-
मैंने
लालकिले
से
कहा
था
कि
यह
देश
सभी
सरकारों
के
योगदान
से
आगे
बढ़ा
है।
-
संसद
में
संविधान
का
मूल
मैं
और
तुम
नहीं
है
बल्कि
हम
है।
- 26 नवंबर को मनाकर 26 जनवरी की महत्ता को कम नहीं किया जा रहा है।
Comments
English summary
Prime minister Narendra Modi's key points of address in parliament on constitution. He says its not about you or i but we.
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