राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बोले, 7 साल में पहली बार इतनी कम हुई नौकरियां
देश में कम होती नौकरियों पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चिंता जताई है।
नई दिल्ली। देश में कम होती नौकरियों पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अगर इस स्थिति को बदला नहीं गया तो देश में स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है।
शैक्षिक संस्थानों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पिछले सात सालों में पहली बार इतनी कम नौकरियां पैदा हुई हैं। नई नौकरियां पैदा हो, इस बात को ध्यान में रखना होगा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शैक्षिक संस्थानों में बढ़ती हिंसा को लेकर कहा कि छात्रों को ऐसा माहौल उपलब्ध कराया जाए कि वो उच्च शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर सकें। साथ ही उन्होंने सरकारी विभागों से कहा कि एकेडमिक लीडर को प्रोत्साहित करते रहें।
साथ ही उन्होंने कहा कि शैक्षिक संस्थानों को खुद को ऐसा चुंबक बनना होगा जिससे ब्रेन ड्रेन से ब्रेन रेन की प्रक्रिया शुरू हो जाए।
उन्होंने कहा कि देश में बहुत टैलेंट है। देश की जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा युवा है। हमनें अगर इन युवाओं का सही से उपयोग कर लिया तो तस्वीर बदल सकती है।
उन्होंने तथ्य देते हुए बताया कि वर्ष 2015 में सिर्फ 1.35 लाख नई नौकरियां ही बाजार में पैदा हो सकी। जोकि पिछले सात सालों में सबसे कम था।
उन्होंने कहा कि मशीन तेजी से आदमियों का स्थान ले रही हैं। अब हमें देखना होगा कि कैसे इस स्थिति को बदला जा सके।