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शत्रु संपत्ति अध्यादेश को 5वीं बार लाने पर नाराज हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

ऐसा पहली बार हुआ जब सरकार ने किसी अध्यादेश को बिना कैबिनटे में पेश किए ही उसे राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया। इस अध्यादेश को अभी राज्यसभा की मंजूरी नहीं मिली है क्योंकि सरकार के पास वहां

By Dharmender Kumar
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नई दिल्ली। केंद्र की भाजपा सरकार के एक ही अध्यादेश को लगातार 5वीं बार हस्ताक्षर करने के लिए लाने पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नाराज हो गए। सूत्रों के मुताबिक अध्यादेश को कानून बनाने में नाकाम रहने पर राष्ट्रपति ने अपनी नाराजगी जाहिर की। दरअसल शत्रु संपत्ति अधिनियम संशोधन विधेयक में संशोधन के अध्यादेश को सरकार ने फिर से जारी कर हस्ताक्षर के लिए पांचवी बार राष्ट्रपति के पास भेजा था। हालांकि प्रणब मुखर्जी ने देशहित को ध्यान में रखते हुए अध्याधेश पर हस्ताक्षर तो कर दिए क्योंकि इससे जुड़े केस जनवरी से सुप्रीम कोर्ट में आने शुरू हो जाएंगे, लेकिन साथ ही नाराजगी भी जाहिर की।

pranab mukherjee शत्रु संपत्ति अध्यादेश को 5वीं बार लाने पर नाराज हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी


इस अध्यादेश को इससे पहले अगस्त में बिना कैबिनट में प्रस्ताव लाए ही राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया गया था, जिसपर प्रणब मुखर्जी नाराज हो गए थे। राष्ट्रपति ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि आगे से कभी ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा पहली बार हुआ जब सरकार ने किसी अध्यादेश को बिना कैबिनटे में पेश किए ही उसे राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया। इस अध्यादेश को अभी राज्यसभा की मंजूरी नहीं मिली है क्योंकि सरकार के पास वहां बहुमत नहीं है जबकि लोकसभा में इसे मंजूरी मिल चुकी है। शीतकालीन सत्र में नोटबंदी पर हंगामे के चलते यह अध्यादेश पेश ही नहीं हो सका। इन्हें भी पढ़ें- नजीब जंग ने मोदी को बताया विजनरी पर्सन, पढ़िए और क्या कहा...

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English summary
president pranab mukherjee gets upset at enemy property ordinance for bringing 5 times to signature.
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