भारत में फिल्मकार सच दिखाएगा, तो मार दिया जाएगा: प्रकाश झा
फिल्म निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि भारत में फिल्मकारों को अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।
पणजी। मशहूर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि भारत में फिल्मकारों को अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। झा का कहना है कि किसी फिल्मकार के लिए देश की राजनीतिक सच्चाई दिखा पाना संभव ही नही हैं।
हकीकत के करीब खासतौर से राजनीतिक विषयों से जुड़ी फिल्में बनाने के लिए पहचाने जाने वाले फिल्म निर्माता प्रकाश झा ने पणजी में चल रहे अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में कहा है कि भारत में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म नहीं बनाई जा सकती, क्योंकि देश में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।
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झा ने कहा कि अगर आप सोचते हैं कि एक ऐसी फिल्म बनाई जा सकती है, जिसमें आप किसी राजनीतिक किरदार के बारे में वह सब दिखा सके, जो आप दिखाना चाहते हैं, तो ऐसी फिल्म बनाना इस देश में संभव ना हो पाएगा।
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फिल्म बनाते समय खुद महसूस की हैं मुश्किलें
प्रकाश ने कहा इस देश में हालात ये हैं कि अगर आप फिल्म में किसी का नाम या संगठन का नाम लेते हैं, जो किसी खास समुदाय या राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हो तो कुछ लोग लोग आपकी हत्या कर देंगे।
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प्रकाश ने कहा कि मैंने अपनी फिल्मों को बनाते समय इस बात को खूब महसूस किया है कि मुझे बतौर फिल्मकार अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल-फिलहाल में इसमें सुधार की गुंजाइश भी उन्हें नहीं दिखती है।
प्रकाश झा ने राजनीति, अपहरण, आरक्षण, गंगाजल, चक्रव्यूह, सत्याग्रह जैसी फिल्में बनाई हैं। जिनके किरदारों को दर्शक कभी बिहार के राजनताओं से कभी, अन्ना हजारे से तो कभी गांधी नेहरू परिवार से करीब पाता रहा है। कई फिल्मों के लिए प्रकाश को विरोध का भी सामना करना पड़ता रहा है।
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