यूपी विधानसभा में PETN: धमाका होता तो उड़ जाता पूरा सदन, जांच के घेरे में नेता भी
आखिर विधानसभा के अंदर विस्फोटक किसने पहुंचाया और उसकी मंशा क्या थी इसको जानने के लिए सुरक्षा एजेंसियां जी तोड़ मेहनत कर रही है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अंदर खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन (पेंटाएरीथ्रिटाल टेट्रा नाइट्रेट) किसने रखा और निशाने पर कौन-कौन था? इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों की जांच जारी है। एटीएस ने इस संबंध में शनिवार को एसपी विधायक मनोज पांडेय से पूछताछ की। जिसमें उन्होंने बताया कि सदन में वह विस्फोटक नहीं लाए थे। इस संबंध में चार और विधायकों से साथ-साथ दो मार्शल्स से भी पूछताछ की जा सकती है।
सपा विधायक से पूछताछ
यूपी विधानसभा के अंदर खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन आखिर आया कैसे, एटीएस इसकी जांच में जुटी है। इसी सिलसिले में एटीएस ने पूर्व मंत्री मनोज पांडेय से दिलकुशा स्थित उनके आवास पर पूछताछ की। दरअसल जिस दिन विस्फोटक मिला था उस दिन वह उसी के पास सीट नंबर 80 पर बैठे थे। अब एटीएस सोमवार को कन्नौज के एसपी अनिल दोहरे से पूछताछ करेगी। दोहरे की सीट भी विधानसभा में उसी जगह थी जहां पर विस्फोटक मिला था। इससे पहले आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया था कि सीट नंबर 80 और उसके आसपास बैठने वाले माननीयों की सीसीटीवी फुटेज से पहचान की जा रही है। इन सभी से पूछताछ की जाएगी। वहीं असीम अरुण ने ये भी कहा था कि पीईटीएन आसानी से नहीं मिलता है। आतंकी इसका इस्तेमाल आईईडी बनाने में करते हैं।जानकारी के अनुसार यह पीईटीएन विस्फोटक है, जिसे मेटल डिटेक्टर भी नहीं पकड़ पाता है।जानकार मानते हैं कि इस विस्फोटक के बारे में डॉग स्क्वॉड भी पता नहीं लगा सकते।
धमाका हुआ होता तो सबकुछ खाक हो जाता
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अगर यूपी विधानसभा के अंदर धमाका हो जाता तो सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी के विधायकों को होता। क्योंकि जिस सीट के नीचे विस्फोटक मिला है वो समाजवादी पार्टी के विधायक की सीट है और सभी समाजवादी पार्टी के नेता या तो उस सीट के आस पास या थोड़ी दूरी पर बैठते हैं। इसके अलावा, स्पीकर, सीएम, सीनियर मंत्रियों और विधायकों की जान को भी खतरा था। बजट सेशन की वजह से सभी सदस्य सदन के अंदर ही होते।
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नेताओं पर भी है शक
इस पूरे मामले में शक की सुई विधायकों पर भी जा रही है। पुलिस के मुताबिक विधानसभा केअंदर विस्फोटक ले जाने में 403 विधायक, 85 मार्शल-सुरक्षाकर्मी और 20 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में से ही कोई शामिल है। यूपी के डीजीपी सुलखान सिंह के मुताबिक, विधानभवन के मंडप तक जाने की परमिशन सिर्फ इन्हीं लोगों को है। इनके अलावा वहां कोई और नहीं जा सकता है। ये सभी जांच के दायरे में हैं। जिस-जिस से जरूरी होगा, पूछताछ की जाएगी।
सीटों के नीचे मिले पान-गुटखा के निशान
विस्फोटक मिलने के बाद विधानसभा पहुंची जांच टीम ने जब तलाशी अभियान चलाया तो उसे विधायकों की सीट के नीचे गुटखा, पान-मसाला और पान की पीक के निशान मिले। इसके अलावा कई विधायकों की सीटों के नीचे कुशन के कोनों में गुटखे के पाउच भी मिले। कुछ सदस्यों ने सीटों के छेदों में गुटखे के पाउच घुसाए हुए थे।