जल्लीकट्टू: प्रदर्शनकारियों पर अब नहीं होगा पुलिस बल का प्रयोग, लाठीचार्ज में घायल हो चुके हैं बच्चे
तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को लेकर चल रहा प्रदर्शन सोमवार सुबह हिंसक हो गया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ पर काबू करने के लिए पुलिस बल का प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया।
चेन्नई। जहां एक ओर जल्लीकट्टू के समर्थन में तमिलनाडु में हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी ओर भीड़ पर पुलिस बल का प्रयोग न करने का फैसला किया गया है। यह फैसला खुद चेन्नई पुलिस कमिश्र एस जोर्ज ने लिया है। उन्होंने कहा है कि वह इस मुद्दे का समाधान शान्ति के निकालना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने भीड़ पर पुलिस बल का प्रयोग करने से मना किया है। जोर्ज का कहना है कि इस हिंसा में कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल हो गए हैं। जोर्ज नहीं चाहते कि इन असामाजिक तत्वों की किसी हरकत से जनता को दिक्कत हो।
तमिलनाडु
विधानसभा
में
जल्लीकट्टू
विधेयक
पारित
वहीं
दूसरी
ओर,
जलीकट्टू
को
लेकर
तमिलनाडु
में
हिंसा
के
बीच
तमिलनाडु
विधानसभा
में
जल्लीकट्टू
विधेयक
सर्वसम्मति
से
पारित
कर
दिया
गया
है।
इसके
बाद
जल्लीकट्टू
का
आयोजन
राज्य
में
स्थाई
रूप
से
संभव
हो
सकेगा।
तमिलनाडु
के
मुख्यमंत्री
ओ
पनीरसेल्वम
ने
विधानसभा
में
बिल
पेश
किया
जिसके
बाद
इस
पर
सर्वसम्मति
से
मुहर
लग
गई।
इससे
पहले
केंद्र
सरकार
ने
अध्यादेश
जारी
कर
सुप्रीम
कोर्ट
के
जलीकट्टू
पर
बैन
को
खत्म
कर
दिया
था
लेकिन
राज्य
में
प्रदर्शन
लगातार
जारी
रहे।
सोमवार
सुबह
जल्लीकट्टू
के
समर्थन
में
चेन्नई
के
मरीना
बीच
पर
चल
रहा
प्रदर्शन
हिंसक
हो
गया।
भीड़
ने
पुलिस
और
थाने
पर
हमला
किया
तो
पुलिस
के
लाठीचार्ज
में
बड़ी
संख्या
में
लोग
घायल
हुए
हैं।
जल्लीकट्टू
के
आयोजन
से
हर
तरह
की
रोक
को
हटाने
की
मांग
को
लेकर
पिछले
एक
सप्ताह
से
राजधानी
चेन्नई
के
मरीना
बीच
पर
प्रदर्शन
कर
रहे
सैकड़ों
प्रदर्शनकारियों
को
सोमवार
तड़के
पुलिस
ने
हटाना
शुरू
कर
दिया।
पुलिस
के
प्रदर्शनकारियों
को
हटाने
पर
भीड़
और
प्रशासन
आमने-सामने
आ
गए,
जिसके
बाद
हिंसा
भड़क
उठी।
महिलाएं
और
बच्चे
भी
लाठीचार्ज
में
घायल
भीड़
को
तितर-बितर
करने
के
लिए
पुलिस
ने
लाठीचार्ज
किया
तो
भीड़
बेकाबू
हो
गई।
प्रदर्शनकारी
ने
आगजनी
करते
हुए
पुलिस
थाने
में
खड़े
वाहनों
को
जला
दिया
और
पुलिस
पर
भी
हमला
किया।
प्रदर्शनकारियों
ने
पुलिस
पर
पत्थर
फेंके
तो
वहीं
पुलिस
ने
लाठीचार्ज
करते
हुए
आंसू
गैस
के
गोले
दागे।
पुलिस
की
कार्रवाई
में
बड़ी
संख्या
में
बच्चे
और
महिलाएं
घायल
हो
गए
हैं।
इसके
बाद
प्रदर्शनकारियों
ने
गाड़ियों
और
बाइकों
में
आग
लगा
दी,
जिसके
बाद
मरीना
बीच
के
आस-पास
हर
तरफ
धुंए
के
गुबार
दिखने
लगे।
राज्य
के
दूसरे
कई
हिस्सों
में
भी
हिंसा
हुई
है।
हिंसा
में
दो
दर्जन
के
ज्यादा
वाहन
जला
दिए
गए
तो
वहीं
22
से
24
पुलिसकर्मी
प्रदर्शनकारियों
के
पत्थर
लगने
से
घायल
हो
गए।
पुलिस
ने
सैकड़ों
प्रदर्शनकारियों
को
हिरासत
में
ले
लिया
है।
राज्य
में
कई
जगहों
पर
पुलिस
ने
धारा
144
लागू
कर
दी
है।
राज्य
में
दोपहर
तक
कुछ
जगह
हालात
पर
काबू
कर
लिया
गया
है
तो
कुछ
जगह
प्रदर्शन
जारी
है।
ये
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'जल्लीकट्टु'
तमिलवासियों
के
लिए
केवल
एक
प्रथा
नहीं
बल्कि
पहचान
भी
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जल्लिकटटू
प्रोटेस्ट:
प्रदर्शनकारियों
को
जबरन
मरीना
बीच
से
हटाया
गया,
सभी
रास्ते
किए
बंद
महिलाएं
और
बच्चे
भी
लाठीचार्ज
में
घायल
भीड़
को
तितर-बितर
करने
के
लिए
पुलिस
ने
लाठीचार्ज
किया
तो
भीड़
बेकाबू
हो
गई।
प्रदर्शनकारी
ने
आगजनी
करते
हुए
पुलिस
थाने
में
खड़े
वाहनों
को
जला
दिया
और
पुलिस
पर
भी
हमला
किया।
प्रदर्शनकारियों
ने
पुलिस
पर
पत्थर
फेंके
तो
वहीं
पुलिस
ने
लाठीचार्ज
करते
हुए
आंसू
गैस
के
गोले
दागे।
पुलिस
की
कार्रवाई
में
बड़ी
संख्या
में
बच्चे
और
महिलाएं
घायल
हो
गए
हैं।
इसके
बाद
प्रदर्शनकारियों
ने
गाड़ियों
और
बाइकों
में
आग
लगा
दी,
जिसके
बाद
मरीना
बीच
के
आस-पास
हर
तरफ
धुंए
के
गुबार
दिखने
लगे।
राज्य
के
दूसरे
कई
हिस्सों
में
भी
हिंसा
हुई
है।
हिंसा
में
दो
दर्जन
के
ज्यादा
वाहन
जला
दिए
गए
तो
वहीं
22
से
24
पुलिसकर्मी
प्रदर्शनकारियों
के
पत्थर
लगने
से
घायल
हो
गए।
पुलिस
ने
सैकड़ों
प्रदर्शनकारियों
को
हिरासत
में
ले
लिया
है।
राज्य
में
कई
जगहों
पर
पुलिस
ने
धारा
144
लागू
कर
दी
है।
राज्य
में
दोपहर
तक
कुछ
जगह
हालात
पर
काबू
कर
लिया
गया
है
तो
कुछ
जगह
प्रदर्शन
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है।
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