'तीस्ता सीतलवाड़ ने दंगा पीड़ितो का पैसा खुद कर लिया इस्तेमाल'
तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में दायर किए दस्तावेज, पुलिस का दावा एनजीओ को दिए पैसा का सीतलवाड़ ने किया व्यक्तिगत इस्तेमाल। सीतलवाड़ पर 3.75 करोड़ के गबन का आरोप।
नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। गुजरात पुलिस ने दावा किया है कि उसके पास इस बात के दस्तावेज हैं कि तीस्ता ने गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए दी गई अनुदान राशि में 3.85 करोड़ रुपए का गबन किया है।
तीस्ता
सीतलवाड़
पर
लटकी
तलवार,
उनके
खिलाफ
केस
दर्ज
कर
सकती
है
मोदी
सरकार
3.85
करोड़
का
गबन
गुजरात
पुलिस
का
दावा
है
कि
सीतलवाड़
की
संस्था
को
गुजरात
दंगा
पीड़ितों
के
लिए
दी
गई
9.75
करोड़
रुपए
की
राशि
में
से
3.85
करोड़
रुपए
तीस्ता
ने
व्यक्तिगत
काम
के
लिए
खर्च
किए
हैं।
सुप्रीम
कोर्ट
मे
दायर
अपनी
83
पेज
के
एफिडेविट
में
सीतलवाड़
ने
असिस्टैंड
पुलिस
कमिश्नर
राहुल
बी
पटेल
ने
तीस्ता,
उनके
पति
जावेद
आनंद
और
उनकी
संस्था
पर
सहयोग
नहीं
करने
की
बात
कही
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
लगाई
थी
गिरफ्तारी
पर
रोक
गुजरात
हाई
कोर्ट
ने
जब
सीतलवाड़
और
उनके
पति
की
अग्रिम
जमानत
याचिक
को
खारिज
कर
दिया
था
तो
सुप्रीम
कोर्ट
ने
दोनों
की
गिरफ्तारी
पर
रोक
लगाते
हुए
सीतलवाड़
से
पुलिस
को
उन
दस्तावेज
को
देने
को
कहा
था
जिसकी
वह
जांच
के
लिए
मांग
कर
रही
है।
मानवाधिकार
आयोग
पहुंची
थी
तीस्ता
सुप्रीम
कोर्ट
के
अलावा
सीतलवाड़
ने
मानाधिकार
आयोग
का
दरवाजा
भी
खटखटाया
था
और
गुजरात
पुलिस
के
खिलाफ
शिकायत
दर्ज
करते
हुए
कहा
था
कि
हमारी
छवि
को
खराब
करने
और
प्रताड़ित
करने
के
लिए
उनके
खिलाफ
कार्रवाई
की
जा
रही
है।
गौरतलब
है
कि
सीतलवाड़
ने
2002
के
दंगों
के
पीड़ितों
की
मुद्दा
उठाया
था
और
सुप्रीम
कोर्ट
से
इस
बात
की
इजाजत
लेने
में
सफल
हुई
थीं
कि
इस
घटना
की
सुप्रीम
कोर्ट
ने
एसआईटी
बनाने
की
संस्तुति
की
थी।
पुलिस
ने
दिया
बैंक
खाते
का
ब्योरा
गुजरात
पुलिस
ने
सुप्रीम
कोर्ट
को
जानकारी
दी
कि
उसने
सीतलवाड़
की
संस्था
की
2007
से
2014
के
बीच
के
दस्तावेजों
की
जांच
की
है।
इस
दौरान
उनकी
दो
संस्थाओं
को
9.75
करोड़
रुपए
प्राप्त
हुए
थे
जिसमें
से
3.85
करोड़
रुपए
व्यक्तिगत
इस्तेमाल
के
लिए
खर्च
किए
गए
हैं।
पुलिस ने कहा है कि सीतलवाड़ के दो बैंक खाते जिसमें युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, मुंबई में खाता 1 जनवरी 2001 को खोला गया था, इसमें 31 दिसंबर 2002 तक कोई भी राशि जमा नहीं कराई गई थी। जबकि दूसरा खाता जोकि जनवरी 2003 में से 2013 तक चला उसमें आनंद ने 96.43 लाख रुपए जबकि सीतलवाड़ ने 1..53 करोड़ रुपए जमा कराए हैं।
पुलिस का आरोप है कि सीतलवाड़ दंपति ने मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा मिले 1.40 करोड़ रुपए का भी व्यक्तिगत काम के लिए इस्तेमाल किया है, जोकि फरवरी 2011 से जुलाई 2012 के बीच दिया गया था।